सीमा हैदर ने एक वीडियो में कहा, ‘मैं पाकिस्तान नहीं जाना चाहती। मैं मोदी जी और योगी जी से अपील करती हूं कि मैं अब उनकी शरण में हूं। मैं पाकिस्तान की बेटी थी, लेकिन अब मैं भारत की बहू हूं। मुझे यहीं रहने दीजिए।’ हैदर का दावा है कि सचिन मीना से शादी के बाद उसने हिंदू धर्म अपना लिया है।
सीमा हैदर की कहानी सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों तक में पहले भी सुर्खियों में रह चुकी है। वह ऑनलाइन गेम पब्जी के जरिए ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन मीणा से जुड़ीं और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए। इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आ गईं। अब वह सचिन के साथ नोएडा में रह रही हैं और हाल ही में दोनों को एक बच्चा भी हुआ है।
देशव्यापी विरोध के बावजूद सीमा हैदर के वकील एपी सिंह को उम्मीद है कि उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी। एपी सिंह ने दावा किया कि वह अब पाकिस्तानी नागरिक नहीं हैं। अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा, “सीमा अब पाकिस्तानी नागरिक नहीं है। उसने ग्रेटर नोएडा निवासी सचिन मीना से विवाह किया और हाल ही में उनकी बेटी भारती मीना को जन्म दिया। उसकी नागरिकता अब उसके भारतीय पति से जुड़ी हुई है और इसलिए केंद्र का निर्देश उस पर लागू नहीं होना चाहिए।”
सीमा हैदर के वकील एपी सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले की जानकारी होने पर सीमा बहुत परेशान और दुखी है। हम सभी इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पाकिस्तान से सनातन धर्म ग्रहण करके नेपाल पहुंची।
उन्होंने आगे कहा कि सीमा के सारे दस्तावेज एटीएस, गृह मंत्रालय और भारत सरकार के पास जमा हैं। राष्ट्रपति के यहां याचिका लंबित है। सीमा की जमानत के दौरान अदालत ने जो आदेश दिए थे, उनका पूरी तरह से सीमा पालन कर रही है। उन्हीं आदेशों के तहत सीमा अपनी ससुराल रबूपुरा में रह रही है। कानून में विश्वास रख रही है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
सोमवार तक अपनी हरियाली के लिए प्रसिद्ध बायसरन घाटी के हरे-भरे मैदान मंगलवार दोपहर बाद खून से लाल हो गए। जगह-जगह निर्दोष लोगों के शव पड़े और बिलखते परिवार के सदस्य थे। इस खौफनाक मंजर ने 14 अप्रैल 2019 को हुए पुलवामा हमले के जख्मों को ताजा कर दिया, जहां आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। कुछ ऐसा ही आतंकियों ने पहलगाम में किया, जहां पहले लोगों से उनका धर्म पूछा फिर आश्वस्त होने के बाद ताबड़तोड़ गोलियां बसराईं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई।
आतंकियों के इस कायराना और अमानवीय कृत्य से पर्यटकों के खचाखच भरी रहने वाली बायसरन घाटी में सिर्फ आतंक के निशान बचे हैं। अभी तक कश्मीर में पर्यटकों पर इस तरह का बड़ा हमला नहीं हुआ था। पिछले साल 18 मई की रात दो जगह आतंकियों ने हमला किया था। इसमें एक पहलगाम के पास और दूसरा ओपन टूरिस्ट कैंप में हमला हुआ था।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए हर व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य सरकार गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह की अनुग्रह राशि देगी।
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