थरूर के नेतृत्व वाला एक साथ ककांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पनामा में अपने आधिकारिक कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के दौरे से की। यहां सदस्यों ने स्थानीय मंदिर में पूजा-अर्चना की, जो अंतरधार्मिक सद्भाव का एक महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के सदस्यों ने एक साथ पूजा में भाग लिया। थरूर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बहुदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने पनामा सिटी में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का दौरा किया और वहां मंदिर में पूजा-अर्चना की। हमारे मुस्लिम सहयोगी सरफराज अहमद को मंदिर में अपने हिंदू और सिख सहयोगियों के साथ शामिल होते देखना भावुक कर देने वाला था। जैसा कि उन्होंने बाद में कहा, ‘जब बुलाने वालों को कोई ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को ऐतराज क्यों होगा?’”
मंगलवार को पनामा पहुंचने पर भारत के राजदूत डॉ. सुमित सेठ और भारतीय राजनयिक मिशन के सदस्यों ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह यात्रा भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को कूटनीतिक स्तर पर व्यक्त करने के उद्देश्य से की जा रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने पनामा की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष डाना कास्टानेडा, साथ ही संसद के वरिष्ठ सदस्यों एडविन वर्गारा और जूलियो डे ला गार्डिया से भी उच्च स्तरीय बैठकें कीं। थरूर ने बताया कि उन्होंने भारत के आतंकवाद विरोधी युद्ध को समझाने और समर्थन पाने में सफलता प्राप्त की है।
थरूर ने यात्रा के पहले दिन की सकारात्मक शुरुआत पर संतोष जताते हुए कहा, “हमारी पनामा यात्रा की सकारात्मक शुरुआत हुई।” साथ ही राजदूत डॉ. सुमित सेठ ने प्रतिनिधिमंडल को भारत-पनामा द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों से अवगत कराया।
यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और साझा प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है।
यह भी पढ़ें:
आईटीआर भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़कर 15 सितंबर!
नामीबिया नए एफएनबी स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करेगा!
Mumbai Airport: 33 साल से अवैध रूप से भारत में रह रही थी, बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार
तमिल-कन्नड़ विवाद: “कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई”
