सोरस फंडिंग मामला: ईडी की जांच के घेरे में भारतीय कंपनियां, 8 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग पर सवाल!

ईडी फिलहाल यह जांच कर रहा है कि इन कंपनियों को प्राप्त फंड का इस्तेमाल कहां और कैसे किया गया। अभी तक OSF की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सोरस फंडिंग मामला: ईडी की जांच के घेरे में भारतीय कंपनियां, 8 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग पर सवाल!

Soras funding case: Indian companies under ED's scanner, questions raised on foreign funding of Rs 8 crore!

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा समर्थित संगठनों की फंडिंग से जुड़े संभावित विदेशी मुद्रा कानून (FEMA) उल्लंघनों की जांच तेज कर दी है। हाल ही में ईडी ने बेंगलुरु में छापेमारी कर उन भारतीय कंपनियों को निशाना बनाया है, जो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) से जुड़ी विदेशी फंडिंग प्राप्त कर रही थीं।

ईडी की जांच के दायरे में तीन भारतीय कंपनियां – रूटब्रिज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (RSPL), रूटब्रिज एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड (RAPL) और ASAR सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड – आई हैं। इन कंपनियों को 2020-2021 से 2023-2024 के बीच सोरोस इकॉनमिक डेवलपमेंट फंड (SEDF) से कुल ₹25 करोड़ की फंडिंग मिली।

जांच के अनुसार, RSPL को अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय वरीयता शेयरों (CCPS) के माध्यम से ₹18.64 करोड़ प्राप्त हुए। वहीं, RAPL को परामर्श सेवाओं के लिए ₹2.70 करोड़ मिले, जबकि ASAR को सेवा शुल्क के रूप में ₹2.91 करोड़ की धनराशि मिली।

इसके अलावा, अमेरिकी एजेंसी USAID द्वारा भी इन कंपनियों को 8 करोड़ रुपये की फंडिंग दी गई थी। ईडी इस फंडिंग की प्रकृति और इसके उपयोग को लेकर विस्तार से जांच कर रही है।

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने 2016 में OSF को ‘पूर्व संदर्भ श्रेणी’ (Prior Reference Category) में डाल दिया था। इसका मतलब था कि OSF को भारत में किसी भी एनजीओ या संगठन को फंड ट्रांसफर करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। ईडी को संदेह है कि इस प्रतिबंध को दरकिनार करने के लिए OSF ने भारत में सहायक कंपनियां बनाईं और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और परामर्श शुल्क के नाम पर धन भेजा।

पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने विदेशी फंडिंग पर कड़ी निगरानी रखी है। जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) पर पहले भी भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं। यह आरोप भी है कि OSF भारत में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव लाने के लिए फंडिंग करता रहा है, जिससे सरकार की नीतियों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है।

ईडी फिलहाल यह जांच कर रहा है कि इन कंपनियों को प्राप्त फंड का इस्तेमाल कहां और कैसे किया गया। अभी तक OSF की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सरकार द्वारा विदेशी फंडिंग पर सख्ती और ईडी की इस कार्रवाई से यह साफ है कि भारत में विदेशी संगठनों द्वारा वित्तीय हस्तक्षेप को लेकर कड़ा रुख अपनाया गया है। आने वाले दिनों में जांच और तेज हो सकती है और यह भी स्पष्ट हो सकता है कि क्या इन कंपनियों ने किसी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन किया है।

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