राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करें, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने दोषी नलिनी की रिहाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद नलिनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।​

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करें, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

Release the convicts of Rajiv Gandhi assassination, orders of the Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने आज​ यानि ​11 नवंबर​ 2022 को नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन को रिहा करने का आदेश दिया, जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने आज राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन को रिहा करने का आदेश दिया। रिहा हुई दोषी नलिनी फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर है। इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने दोषी नलिनी की रिहाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद नलिनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारीवलन को 18 मई को रिहा किया गया था। पेरारीवलन राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल की सजा काट चुके हैं। पेरारिवलन ने संविधान के अनुच्छेद 142 के आधार पर अपनी रिहाई की मांग की थी।

दोषी नलिनी ने भी पेरारीवलन के मामले में लिए गए उसी फैसले का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी। ​बात दें कि 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी| उन्हें एक महिला ने माला पहनाई थी, इसके बाद धमाका हो गया| इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई थी|

इस मामले में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था| 12 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन फरार हो गए थे| बाकी 26 पकड़े गए थे|इसमें श्रीलंकाई और भारतीय नागरिक थे| फरार आरोपियों में प्रभाकरण, पोट्टू ओम्मान और अकीला थे| आरोपियों पर टाडा कानून के तहत कार्रवाई की गई| सात साल तक चली कानूनी कार्यवाही के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट ने हजार पन्नों का फैसला सुनाया| इसमें सभी 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई|
 
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