24 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमदेश दुनियाडॉ. अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का आज अनावरण, जानें खासियत

डॉ. अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का आज अनावरण, जानें खासियत

तेलंगाना के हुसैनसागर के तट पर बाबा साहेब डॉ. बीआर अम्‍बेडकर की 125 फीट ऊंची प्रत‍िमा को तैयार क‍िया गया है।

Google News Follow

Related

संविधान के निर्माता और रचियता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। भीमाराव अंबेडकर निचले तबके से तालुक रखते थे। बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए। यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। पूरा देश आज डॉ. बी आर अंबेडकर की 132 वीं जयंती मना रहा है।

14 अप्रैल 1981 को मध्यप्रदेश के महू में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई ने अपनी सबसे छोटी संतान को जन्म दिया, जिसका नाम था भिवा रामजी अंबेडकर। बाबासाहेब के नाम से पहचाने जाने वाले आंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। डॉ. अंबेडकर अछूत माने जानी वाली जाती महार के थे। ऐसे में वह बचपन से उन्हें भेदभाव और समाजिक दुराव से गुजरना पड़ा।

बालपन से ही बाबासाहेब मेधावी छात्र थे। स्कूल में पढ़ाई में काबिल होने के बावजूद उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जाता था। उस दौर में छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त होने के कारण उनकी शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी आई, लेकिन उन्होंने जात पात की जंजीरों को तोड़ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और स्कूली शिक्षा पूरी की।

1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारत में लेबर पार्टी का गठन किया, आजादी के बाद कानून मंत्री बने। समाज में समानता की अलख जलाने वाले अंबेडकर को 1990 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछडे वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्‍म द‍िवस पर आज 14 अप्रैल को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनकी 125 फुट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। इस प्रत‍िमा को हुसैनसागर के तट पर स्‍थाप‍ित क‍िया गया है। इस प्रत‍िमा के भव्य स्तर पर लोकार्पण क‍िया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह भारत में अंबेडकर की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। डॉ. अम्बेडकर की प्रतिष्ठित संरचना जिसकी कुल ऊंचाई 175-फीट है, ज‍िसमें भारत की संसद के भवन जैसा दिखने वाला 50 फुट ऊंचा गोलाकार आधार भी शामिल है। यह प्रत‍िमा राज्य के लिए एक और मील का पत्थर स्थापित करेगी। भारत रत्न डॉ. अंबेडकर को भव्य तरीके से श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मूर्ति का कुल वजन 474 टन है, जबकि 360 टन स्टेनलेस स्टील का उपयोग मूर्ति की आर्मेचर संरचना के निर्माण के लिए किया गया था। वहीं मूर्ति की ढलाई के लिए 114 टन कांस्य का उपयोग किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि अंबेडकर की मूर्ति को प्रसिद्ध मूर्तिकारों 98 वर्षीय राम वनजी सुतार और उनके 65 वर्षीय बेटे अनिल राम सुतार द्वारा उत्तर प्रदेश के नोएडा में राम सुतार ऑर्ट क्रिएशन ने डिजाइन किया गया था, इन्होंने ही दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (597 फीट) सहित कई स्मारकीय मूर्तियां भी डिजाइन की थीं।

ये भी देखें 

अयोध्या: स्टैचू ऑफ़ यूनिटी से भी ऊंची होगी भगवान राम की प्रतिमा     

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,295फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें