विवान को उनके सराहनीय काम के लिए लंदन के बकिंघम पैलेस में शाही परिवार द्वारा बैज और सिक्के से सम्मानित किया गया। दिलचस्प बात यह है कि ये सिक्के बेहद दुर्लभ हैं। हाल ही में ब्रिटेन में विवान की किताब की चर्चा हो रही थी| उस वक्त मौजूदा प्रधानमंत्री कीर स्ट्रैमर ने भी विवान की किताब की तारीफ की थी|
भारतीय सेना ने विवान को धार्मिक साहित्य में उनके योगदान के लिए पदक से सम्मानित किया। विवान को ये सम्मान महज 17 साल की उम्र में मिला है| यह पदक लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ द्वारा प्रदान किया गया। नासा के वैज्ञानिक मोहम्मद सईदुल अहसन और मोहम्मद सैफ आलम ने भी विवान की किताब की सराहना की| उन्हें इस पुस्तक से सम्मानित किया गया। विवान की किताब स्विट्जरलैंड भी पहुंची|स्विट्जरलैंड की संसदीय समिति के प्रमुख डॉ. निक गुग्गर ने विवान के लेखन की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इस किताब के लिए विवान की सराहना की | जैन धर्म के आचार्य महाश्रमणजी ने भी पुस्तक देखकर विवान को आशीर्वाद दिया।भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मुंबई प्रभारी अतुल भातखलकर, सांसद गोपाल शेट्टी, सुशील कुल्हारी, राजस्थान के प्रधान आयकर निदेशक सुधांशु शेखर झा, स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, मुंबई नगर निगम के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण परदेशी, धाराशिव के कलेक्टर डॉ. सचिन ओम्बासे, धाराशिव के पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, मा. गुरुदेव नयापद्मसागरजी, सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त असलम हसन,केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के निजी सचिव एस. के. जाधव ने भी विवान के प्रयास की सराहना की।
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