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Friday, September 20, 2024
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Third wave alert:5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क जरूरी नहीं

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नई दिल्ली।कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी है।वहीं, सरकार थर्ड वेव की तैयारी में जुट गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक है। जबकि कुछ का कहना है कि ऐसा कह पाना मुश्किल है कि तीसरी लहर बच्चों को ही चपेट में लेगी। इस बीच केंद्र सरकार ने संक्रमित बच्चों के लिए गाइड लाइन जारी की है। सरकार ने कहा है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए  मास्क पहनना जरूरी नहीं है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने कहा कि 6 से 11 साल के बच्चे मास्क पहन सकते हैं ,लेकिन सिर्फ माता-पिता की देखरेख और डॉक्टर के परामर्श के बाद। डीजीएचएस ने कहा कि भले ही बड़े लोगों को मास्क अनिवार्य किया गया है, पर पांच साल के बच्चों के लिए जरूरी नहीं है।डीजीएचएस से जारी दिशानिर्देशों में कहा गया कि बच्चों को स्टेरॉयड देने से बचा जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि बच्चों की शारीरिक क्षमता का आकलन करने के लिए 6 मिनट का वॉक लेने की सलाह भी दी गई है। गाइडलाइन में रेमडेसिविर के इस्तेमाल से भी बचने की सलाह दी गई है।दिशा निर्देशों में एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि स्टेरॉयड भी निगरानी के साथ केवल गंभीर मरीजों की ही दिए जाएं। रेमडेसिविर आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूर दवा है। रेमडेसिविर को लेकर 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसके असर और सुरक्षा का डेटा अभी मौजूद नहीं है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन बच्चों को गंभीर रूप से अस्थमा है उनके लिए इस टेस्ट की सलाह नहीं दी गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि बच्चों की शारीरिक क्षमता की जांच करने के लिए उन्हें 6 मिनट वॉक कराएं ताकि उनमें कार्डियो-पल्मोनरी एक्सरसाइज टॉलरेंस किया जा सके। बच्चों के अंगुली में पल्स ऑक्सीमीटर लगाकर उनसे 6 मिनट वॉक करने के लिए कहा जाए। अगर इस दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल 94 फीसदी से नीचे आता है 3-5 फीसदी भी गिरता है या सांस लेने में दिक्कत देखी जाती है तो उसी के आधार पर बच्चों का अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्चों के मामले में सीटी स्कैन की सलाह भी दी गई है. हालांकि साथ ही यह भी कहा गया है कि हाई रेजोल्यूशन सीटी का सोच समझकर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन बच्चों को गंभीर रूप से अस्थमा है उनके लिए इस टेस्ट की सलाह नहीं दी गई है।

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