एडमिशन के लिए सेक्स का लालच दे रही है चीन की यह यूनिवर्सिटी,जाने पूरा माजरा 

एडमिशन के लिए सेक्स का लालच दे रही है चीन की यह यूनिवर्सिटी,जाने पूरा माजरा 

 बीजिंग। चीन की एक टॉप की यूनिवर्सिटी ने बड़ा ही घटिया विज्ञापन दे रखा था। जिसकी काफी आलोचना हो रही है। आलोचना की वजह से ही यूनिवर्सिटी को अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा। बता दें कि चीन की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार एनजेयू ने छात्रों को एडमिशन के लिए सेक्स का लालच दे रही है। यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन विज्ञापन में लड़कियों के हाथ में आपत्तिजनक साइन बोर्ड हैं। हालांकि यही प्रक्रिया लड़कों के साथ  भी दोहराई गई है, लेकिन सलीके से। गौरतलब है कि,चीन के टॉप यूनिवर्सिटीज में शुमार नानजिंग यूनिवर्सिटी (एनजेयू) को सेक्सुअली सजेस्टिव ऑनलाइन विज्ञापन में आवेदकों को लुभाने के लिए महिलाओं का उपयोग करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का मानना है कि नानजिंग विश्वविद्यालय (एनजेयू) महिलाओं को ऑब्जेक्टक के रूप में दिखाकर उनका अपमान कर रहा है। दरअसल, विश्वविद्यालय ने चीन के राष्ट्रीय कॉलेज प्रवेश परीक्षा, गाओकाओ एग्जाम के पहले दिन सोमवार को चीनी ऐप वीबो पर ऑनलाइन विज्ञापन पोस्ट किया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, विज्ञापन में कैंपस के अलग-अलग हिस्सों के सामने मौजूदा छात्र-छात्राओं की छह तस्वीरें दिखाई गई हैं, जो साइन बोर्ड पकड़े हुए हैं। इन तस्वीरों में से दो तस्वीरों को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। एक फोटो में एक सुंदर लड़की दिखती है, जिसके हाथ में एक साइन बोर्ड है और उस पर लिखा था- क्या तुम मेरे साथ लाइब्रेरी में सुबह से रात तक रहना चाहते हो?, वहीं दूसरी तस्वीर में एक अन्य लड़की की फोटो है और उसमें लिखा हुआ है- क्या तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारी जवानी का हिस्सा बनूं? हालांकि, कुछ अन्य तस्वीरों में लड़के साइन बोर्ड पकड़े हुए दिखते हैं, जिसमें आपत्तिजनक कुछ नहीं लिखा हुआ है। उदाहरण के तौर पर एक शख्स को एक साइन बोर्ड पकड़े हुए चित्रित किया गया था, जिसमें कहा गया था- क्या आप एक ईमानदार, मेहनती और महत्वाकांक्षी NJU छात्र बनना चाहते हैं? वीबो पर किए गए पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट में लिखा, ‘इस तस्वीर के साथ समस्या यह है कि यह महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करती है जैसे कि उन्हें किसी का होना चाहिए। इन महिलाओं ने एनजेयू में जगह बनाई, लेकिन अब वे ‘किसी और युवाओं के हिस्सा’ हैं? यह बेहूदापन है।’

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