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The Royal Swedish Academy of Sciences has decided to award the 2023 #NobelPrize in Physics to Pierre Agostini, Ferenc Krausz and Anne L’Huillier “for experimental methods that generate attosecond pulses of light for the study of electron dynamics in matter.” pic.twitter.com/6sPjl1FFzv— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2023
पियरे एगोस्टिनी ने 2001 में प्रकाश से संबंधित एक प्रयोग किया था। इस प्रयोग के माध्यम से वह इलेक्ट्रॉनों की दुनिया को समझने में सक्षम हुए। इससे पहले किसी ने भी इलेक्ट्रॉनों पर इस तरह का प्रयोग नहीं किया था। इस प्रयोग को करते समय उन्होंने एनी एल.हुइलर के प्रयोगों का भी समर्थन किया गया।
इलेक्ट्रॉनों की दुनिया, उनकी गति, उनकी चमक और ऊर्जा को समझना एक कठिन काम है। जैसा कि हम इस पर शोध करना जारी रखते हैं, भविष्य में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद विकसित किए जा सकते हैं। एटोसेकेंड तकनीक से इलेक्ट्रॉनों को कैसे नियंत्रित किया जाए, अणुओं को कैसे पहचाना जाए, यह एक बहुत बड़ा शोध है। इससे चिकित्सीय निदान करने में मदद मिलेगी|
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