उत्तर प्रदेश के महराजगंज के पास नेपाल के सीमावर्ती इलाके में ईसाई धर्मांतरण को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल नेपाल के कार्यकर्ताओं ने भारत से नेपाल में धर्मांतरण का पुरजोर विरोध किया। इस समय नेपाल के स्थानीय लोगों ने धर्मान्तरित लोगों का मुँह काला करके उन्हें वापस भारत भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार (14 सितंबर) को महाराजगंज के ठूठीबारी कस्बे से करीब 100 लोगों का एक समूह नेपाल के लिए रवाना हुआ। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चों के साथ-साथ दलित-पिछड़े वर्ग के लोग भी शामिल थे।
कहा जा रहा है की, अमोस नाम के एक पादरी ने उसे नेपाल के खैरहानी के एक चर्च में बुलाया था। इसी स्थान पर उसका धर्म परिवर्तन होने वाला था। भारत से नेपाल में प्रवेश करने के बाद इन लोगों के लिए नेपाल नंबर की दो विशेष बसें भी महेशपुर बस स्टेशन पर खड़ी थीं। यहां सभी लोग एकत्र थे। इन सभी लोगों के बस में चढ़ने से पहले ही इनके धर्म परिवर्तन की खबर स्थानीय लोगों तक पहुंच गई, जिनमें विश्व हिंदू परिषद और नेपाल के बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
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इसके बाद हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और धर्मांतरण का विरोध करने लगे। इसी दौरान गुस्साए स्थानीय लोगों ने पादरी अमोस की पिटाई कर दी और उनका चेहरा काला कर दिया। इसके बाद धर्म परिवर्तन के लिए ले जाये जा रहे सभी लोगों को भारत की सीमा पर छोड़ दिया गया। घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो वह मौके पर पहुंची। पुलिस ने सभी के नाम-पते दर्ज किए और चेतावनी जारी की। भारतीयों को वापस भेजे जाने के बाद मामला शांत हुआ।
महराजगंज पुलिस ने ट्विटर पर इस बारे में सफाई दी है। महाराजगंज पुलिस ने कहा है कि, घटना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं बल्कि नेपाल में हुई है और वे इस संबंध में नेपाल पुलिस से बातचीत कर रहे हैं। चूंकि यह घटना महाराजगंज की है, इसलिए पुलिस ने इसे प्रसारित न करने की अपील की है।