नई दिल्ली। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष ने मामला दर्ज कराया है।रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी ने ईमेल के जरिये संबित पात्रा को नोटिस भेजा है। संबित पात्रा के खिलाफ धारा 5०4,5०5(1) (बी) (सी),469 एवं 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि आज शाम चार बजे थाने में व्यक्तिगत रूप से अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहें। वहीं नोटिस का पालन नहीं करने पर वैधानिक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।
क्या है मामला ?
भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा कहा गया कि इस संकट काल में विपक्षी दल की गिद्धों की राजनीति उजागर हुई है।
इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कांग्रेस के कूटरचित लेटरहेड की झूठी और मनगढ़त कहानी सोशल मीडिया में प्रचारित करने का आरोप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पर लगाया है। उन्होंने बीजेपी के दोनों नेताओं के खिलाफ 19 मई को प्राथमिकी दर्ज कराई गई। डॉ.रमन सिंह को भी पुलिस ने इसी तरह का नोटिस जारी किया है।
संबित ने दिया टूलकिट का हवाला
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक टूलकिट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कोरोना के समय जब पूरा देश महामारी से लड़ रहा है तो कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत को पूरे विश्व में अपमानित और बदनाम करने की कोशिश की है। पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस ने महामारी के समय ऐसे ही ‘टूलकिट’ के जरिए सरकार को घेरने के लिए विभिन्न माध्यमों से देश में भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महामारी को प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया।
क्या कहा कांग्रेस ने ?
इसके जवाब में कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा पर ‘फर्जी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, उसके वरिष्ठ नेताओं बीएल संतोष, स्मृति ईरानी, संबित पात्रा तथा कई अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस में जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई है।
अब ये टूलकिट क्या बला है?
भारत में ‘टूलकिट’ शब्द दूसरी बार चर्चा में है। पहली बार ‘टूलकिट’ शब्द तब चर्चा में आया था जब किसान आंदोलन चरम पर था। उस समय स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने 4 फरवरी को सुबह किसानों को लेकर एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में बाकी बातों के साथ ‘टूलकिट’ शेयर किया गया था। ग्रेटा ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था और ‘टूलकिट’ में आगे की प्लानिंग थी। जिसको लेकर खूब हंगामा बरपा था। दूसरी बार अब जब संबित पात्रा ने इस संबंध की चर्चा की है तब।
सरल शब्दों में कहा जाये तो ‘टूलकिट’ वह बला है जो आनलइन या ऑफलाइन आगे की प्लानिंग की जानकारी अपने लोगों को या वह जो उनसे जुड़ा है,उनको दी जाती है। कहने का मतलब यह है कि अगर आंदोलन हो रहा है तो आंदोलन करने वाले या उसके समर्थक उस स्थान पर क्या कहेंगे, क्या करेंगे, क्या बोलना है, क्या मूमेंट होगा आदि-आदि। यह एक तरह का गूगल डॉक्यूमेंट होता है।जिसे सोशल मीडिया के जरिये शेयर किया जाता है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इस गूगल डॉक्यूमेंट या ‘टूलकिट’ में जोड़ने घटाने की पूरी छूट होती है। वर्तमान समय में मौके के नजाकत को देखते हुए निर्णय लिया जाता है।आजकल जो भी आंदोलन चल रहे हैं उनमें ‘टूलकिट’ का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।