आयुर्वेदिक उत्पादों का टर्नओवर 24 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, एक्सपोर्ट में भी तीन गुना वृद्धि!

आयुर्वेदिक उत्पादों का टर्नओवर 24 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, एक्सपोर्ट में भी तीन गुना वृद्धि!

Turnover of Ayurvedic products reached 24 billion dollars, exports also increased threefold!

आयुर्वेदिक चिकित्सा और उत्पादों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने रविवार (16 मार्च) को अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि पिछले एक दशक में आयुर्वेदिक उत्पादों का टर्नओवर 24 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2014 में मात्र 2.85 बिलियन डॉलर था। इसके अलावा, इस क्षेत्र का निर्यात भी तीन गुना बढ़ चुका है, जो दर्शाता है कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को लेकर वैश्विक स्तर पर रुचि लगातार बढ़ रही है।

अहमदाबाद में आयोजित ‘वंदे आयुकॉन-2025’ कार्यक्रम के दौरान कोटेचा ने इसे ‘आयुर्वेद का मिनी कुंभ’ बताया। इस भव्य आयोजन में 27,000 से अधिक आयुर्वेदाचार्य ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से शामिल हुए। गुजरात आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल भी मौजूद थे। उन्होंने अपने संबोधन में आयुर्वेद को केवल एक चिकित्सा प्रणाली से कहीं अधिक बताते हुए इसे जीवन जीने की एक संपूर्ण विधि बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय रसोई में मौजूद मसाले आयुर्वेद का खजाना हैं और इनके उचित उपयोग से स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

मंत्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि ‘आयुर्वेद’ शब्द में ‘आयु’ का अर्थ जीवन और ‘वेद’ का अर्थ विज्ञान है। उन्होंने इसे केवल बीमारियों के इलाज तक सीमित न मानते हुए इसे एक ऐसी पद्धति बताया जो बिना किसी दुष्प्रभाव के संपूर्ण जीवनशैली को बेहतर बनाने का मार्गदर्शन करती है। उनका मानना था कि आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो आधुनिक विज्ञान के साथ मिलकर मनुष्य को एक स्वस्थ और संतुलित जीवन प्रदान कर सकती है।

अपने संबोधन में उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख किया और आयुर्वेद की तुलना एक पालनहार मां से की, जो अपने शुद्ध और प्राकृतिक उपायों से संपूर्ण समाज का कल्याण करती है। उन्होंने सभी आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इस विज्ञान में जनता का विश्वास बढ़ाने की अपील भी की।

इस आयोजन के दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही गुजरात के 11 सर्वश्रेष्ठ क्लीनिकों को ‘सर्वश्रेष्ठ क्लिनिक-2025’ के खिताब से नवाजा गया। कार्यक्रम में 500 डॉक्टरों को मुफ्त क्लिनिक ओपीडी सॉफ्टवेयर भी प्रदान किया गया ताकि वे अपने मरीजों को और अधिक प्रभावी रूप से सेवाएं दे सकें।

आयुर्वेद का यह बढ़ता प्रभाव और इसकी वैश्विक स्वीकृति इस बात की ओर इशारा करती है कि यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति अब दुनिया भर में अपनी अहमियत साबित कर रही है। इसके निरंतर विस्तार और विकास के साथ, आयुर्वेदिक चिकित्सा आने वाले समय में आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलकर एक नई दिशा प्रदान कर सकती है।

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