गुरुग्राम। सात साल की दोस्ती को दो युवतियों ने पति-पत्नी का रूप दे दिया। शुक्रवार को हरियाणा में गुरुग्राम और झज्जर की रहने वाली दो युवतियां ने आपसी सहमति से एक मंदिर में हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली। बताया जा रहा है कि दोनों युवतियों के परिजनों ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की,लेकिन वे मानने को तैयार ही नहीं हुई। पटौदी खंड स्थित एक गांव में रहने वाली 20 वर्षीय युवती की दोस्ती उसके स्कूल में पढ़ने वाली झज्जर की रहने वाली एक युवती से हो गई थी। सात साल की दोस्ती कब प्यार में बदल गई दोनों को पता ही नहीं चला। दोनों ने आपसी सहमति से शुक्रवार को सोहना स्थित एक मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली।
इस समलैंगिक विवाह में पटौदी स्थित गांव में रहने वाली युवती पत्नी बनी,जबकि झज्जर की रहने वाली युवती ने पति बनकर सात फेरे लिए। दोनों ने एक साथ रहने की कसमें खाईं। शुक्रवार को मंदिर में शादी करने के बाद दोनों युवतियां पटौदी कोर्ट में पहुंचीं। युवतियों ने कोर्ट को बताया कि दोनों ने शुक्रवार को सोहना में शादी की है। वह दोनों साथ रहना चाहती हैं और वह इस शादी से काफी खुश हैं। हालांकि, पटौदी के गांव की रहने वाली युवती के परिजनों ने कोर्ट परिसर में भी उन्हें काफी समझाया। उसके बाद वह दोनों वहां से चली गईं और एक साथ रहने का फैसला किया। पटौदी के गांव की रहने वाली युवती एक निजी कंपनी में काम भी करती है।
क्या कहता है कानून: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 में समलैंगिकता को अवैध बताने वाली भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को रद्द कर दिया था। इस दौरान फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि अब से सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध अपराध के दायरे में नहीं आएंगे। हालांकि, फैसले में समलिंगी वाले शादी का जिक्र नहीं किया गया था।