संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने बुधवार(23 जुलाई) को पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वथनेनी हरीश ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन और आर्थिक कुप्रबंधन के लिए आड़े हाथों लेते हुए उसे “कट्टरता और आतंकवाद में डूबा देश” और “IMF से बार-बार कर्ज लेने वाला सीरियल उधारीखोर” करार दिया। यह बयान UNSC में ‘शांति और बहुपक्षवाद’ पर उच्चस्तरीय बहस के दौरान आया, जिसमें भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान की आलोचना की, बल्कि वैश्विक आतंकवाद और सीमा पार हमलों के खिलाफ सख्त संदेश भी दिया।
राजदूत हरीश ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि के बयान का करारा जवाब देते हुए कहा,“भारतीय उपमहाद्वीप में प्रगति, समृद्धि और विकास के दो विपरीत मॉडल देखने को मिलते हैं। एक ओर भारत है — एक परिपक्व लोकतंत्र, प्रगतिशील अर्थव्यवस्था और बहुलतावादी समाज। दूसरी ओर पाकिस्तान है — कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ, और IMF से बार-बार कर्ज मांगने वाला देश।” उन्होंने कहा, “किसी सदस्य देश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उपदेश देना शोभा नहीं देता, जब वह खुद अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करता हो।”
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। राजदूत ने कहा, “ऐसे आतंकवादी कृत्यों के लिए जिम्मेदार देशों को इसकी कीमत चुकानी चाहिए। पड़ोसियों की अच्छी भावना और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की आत्मा को ठेस पहुँचाने वालों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।”
हरीश ने बताया कि भारत ने इस हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई 7 मई को शुरू की गई थी और 10 मई को पाकिस्तान के सीधे अनुरोध पर रोक दी गई। उन्होंने कहा कि यह अभियान “फोकस्ड, मापा हुआ और गैर-आक्रामक” था।
Permanent Representative of India to the UN , Ambassador Parvathaneni Harish-
"There should also be a serious cost to states who violate spirit of good neighbourliness and international relations by fomenting cross-border terrorism."
— News Arena India (@NewsArenaIndia) July 23, 2025
राजदूत ने यह भी कहा कि आज के दौर में संघर्षों की प्रकृति बदल चुकी है। “आज के संघर्षों में गैर-राज्य तत्वों की भूमिका बढ़ गई है, जिन्हें कई बार राज्य तत्व ही प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इन्हें डिजिटल तकनीकों, हथियारों की तस्करी, आतंकी ट्रेनिंग और कट्टर विचारधाराओं से पोषित किया जाता है।”
राजदूत ने दो टूक कहा कि भारत शांति, स्थिरता और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने UN में भारत के ऐतिहासिक योगदान को भी रेखांकित करते हुए कहा, “भारत UN शांति सैनिकों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा है और महिलाओं की शांति स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि संपूर्ण शांति प्रयासों में राष्ट्रीय संप्रभुता और सभी पक्षों की सहमति अनिवार्य है।
राजदूत हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “आज बहुपक्षीय प्रणाली, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र की कार्यशैली पर गहरे संदेह उभर रहे हैं।” उन्होंने सुरक्षा परिषद की प्रतिनिधित्व क्षमता पर “गंभीर प्रश्न” उठाए और कहा कि यह संस्थान अपनी संरचना में सुधार के बिना आज की जमीनी हकीकतों से मेल नहीं खा रहा।
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