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Friday, April 25, 2025
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UP: फर्जी पार्सल केस में फंसाकर डॉक्टर से 95 लाख की ठगी!

ठगों ने सेवानिवृत्त डॉक्टर को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 95 लाख ऐंठ लिए। अवैध पार्सल पकड़े जाने की बात कहकर झांसे में लिया। एक जालसाज ने खुद को कूरियरकर्मी और दूसरे ने पुलिसकर्मी बनकर बात की।

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राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर के विराटखंड निवासी सेवानिवृत्त डॉ. बीएन सिंह डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। पहले तो साइबर जालसाजों ने उनके नाम का अवैध पार्सल पकड़े जाने की बात कहकर उन्हें झांसे में लिया। फिर आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल होने का डर दिखाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। डरे-सहमे डॉक्टर को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 95 लाख रुपये ऐंठ लिए। ये रकम उन्हें सेवानिवृत्त होने पर फंड के रूप में मिली थी।
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने आठ अप्रैल को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक, पीड़ित ने जिस खाते में रकम ट्रांसफर की है, उसको फ्रीज करने के लिए बैंक से संपर्क किया गया है।

डॉ. बीएन सिंह के मुताबिक, छह अप्रैल की दोपहर दो बजे अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। फोनकर्ता ने खुद को ब्लूडार्ट कूरिअर कंपनी का कर्मचारी दीपक कुमार श्रीवास्तव बताया। उसने जानकारी दी कि उनके नाम का अवैध पार्सल पकड़ा गया है और पुलिस के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद उसने कॉल कॉन्फ्रेंसिंग पर लेकर कथित पुलिसकर्मी के. मोहनदास से बात कराई।

के. मोहनदास ने बताया कि जल्द ही पुलिस अधिकारी उनको कॉल कर आगे की बात करेंगे। इसके बाद बीएन सिंह के पास दूसरे नंबर से कॉल आई। उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर पार्सल भेजा गया है। पार्सल में अवैध सामान है। आरोपी ने जांच करने और पीड़ित से जांच में सहयोग करने की बात कही।

जालसाज ने बीएन सिंह से कहा कि जांच गोपनीय है। जांच पूरी होने तक वह किसी से संपर्क नहीं कर सकते हैं। पूछताछ के नाम पर दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान उन पर वीडियो कॉल के जरिये निगरानी रखी और मानसिक दबाव बनाया।

ठग ने कहा कि आपको अपने खातों में जमा रकम भेजनी होगी। जांच के बाद ये रकम लौटा दी जाएगी। पीड़ित ने आरोपी के बताए आरबीएल बैंक के खाते में 95 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 25 लाख रुपयों की और मांग होने पर उन्हें ठगी का अहसास हुआ।

अगर आपके पास अनजान नंबर से काॅल आए तो सावधान हो जाएं। कॉल करने वाला शख्स यह कहता है कि आपके नाम से बुक पार्सल को कस्टम विभाग ने पकड़ा है। केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है…तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ये कॉल साइबर ठग की होती है। तत्काल पुलिस से शिकायत करें।

यदि आप ठगी का शिकार होते हैं तो साइबर क्राइम थाने, साइबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, टोल फ्री नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in वेबसाइट के जरिये शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

हुसैनगंज के छितवापुर निवासी अलका मिश्रा को पांच दिन डिजिटल अरेस्ट में रखा और दस लाख रुपये वसूले। इंदिरानगर के लक्ष्मणपुरी विस्तार निवासी निजी कॉलेज की प्रोफेसर प्रमिला मानसिंह से 78.50 लाख रुपये ऐंठे गए। कनाडा की रहने वाली सुमन कक्कड़ व उनकी बहन से 1.88 करोड़ ठगे गए थे।

ऐशबाग निवासी सरकारी बैंक के पूर्व कर्मचारी प्रभात कुमार से 1.20 करोड़ वसूले थे।
पीजीआई की डॉ. रुचिका टंडन से 2.81 करोड़ ऐंठे थे। हजरतगंज के अशोक मार्ग पर रहने वाले डॉ. पंकज रस्तोगी की पत्नी दीपा से 2.71 करोड़ की ठगी हुई थी।
हजरतगंज निवासी मरीन इंजीनियर एके सिंह से 84 लाख रुपये वसूले थे। ठाकुरगंज के पंचायती राज विभाग से रिटायर कमलकांत मिश्रा से 17.50 लाख रुपये ऐंठे थे।
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