प्राचीन सिद्धपीठ चामुंडा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने विधिवत दर्शन किए। कन्या पूजन हुआ, जहां नौ कन्याओं को हलवा-पुरी का प्रसाद और चुनरी दी गई। निशा नाम की एक महिला ने कहा, “नवरात्रि में मां के नौ रूपों की पूजा होती है। नौ दिन मंदिर और घर सजाए जाते हैं। आज कन्या पूजन के बाद व्रत खोला गया। मेरी शादी के बाद यह पहली रामनवमी है, मैं पति के साथ जुलूस देखने जाऊंगी।”
महंत मुरली सिंह ने मंदिर के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, “हमारे चामुंडा मंदिर में रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है। मंदिर को लाइटों से सजाया गया है। हजारों श्रद्धालु दर्शन को आ रहे हैं। यहां पृथ्वीराज चौहान भी पूजा करने आए थे। ये उनकी कुलदेवी मानी जाती हैं। अखंड ज्योत हिमाचल के ज्वाला देवी मंदिर से आती है।
यह मंदिर थाना मऊदरवाजा क्षेत्र में कायमगंज रोड पर स्थित है। यहां फर्रुखाबाद और आसपास के जिलों जैसे समताबाद, गायनगंज और बेटा से भक्त दर्शन को आते हैं।
पुजारी ने आगे कहा, “कहा जाता है कि राम यहां रुके थे और उनका सिंदूर यहां गिरा था। इस मंदिर को करीब 5,000 साल पुराना माना जाता है। आज आखिरी दिन लाखों श्रद्धालु आएंगे। यहां कन्या पूजन और 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है।” पुलिस प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। महिलाओं और बच्चों की सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा है।
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