यूपीआई का अश्वमेध: 2025 में जनवरी तक 18,120 करोड़ से ज्यादा के हुए ट्रांजैक्शन, डिजिटल पेमेंट में उछाल

यूपीआई का अश्वमेध: 2025 में जनवरी तक 18,120 करोड़ से ज्यादा के हुए ट्रांजैक्शन, डिजिटल पेमेंट में उछाल

UPI's Ashwamedha: Transactions worth more than 18,120 crores till January 2025, surge in digital payments

केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में इस साल जनवरी तक यूपीआई सहित डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन 18,120 करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें ट्रांजैक्शन वैल्यू 2,330 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन 8,839 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 18,737 करोड़ हो गया है, जिसमें 46 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि हुई।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि यह वृद्धि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के कारण हुई है, जो 69 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा और वित्त वर्ष 2021-22 के 4,597 करोड़ ट्रांजैक्शन से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 13,116 करोड़ ट्रांजैक्शन हो गया।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा यूपीआई ने हासिल किया है। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर (क्यूआर कोड और पीओएस टर्मिनल), नए व्यापारियों की ऑनबोर्डिंग और थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर (टीपीएपी) भी योजना अवधि के दौरान काफी हद तक बढ़े हैं।

सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए डिजिधन मिशन की शुरुआत की है। यूपीआई और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और दूसरे इकोसिस्टम पार्टनर्स को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।

योजना को डिजाइन करते समय बैंकों सहित हितधारकों के साथ परामर्श किया गया। जागरूकता पैदा करने और डेटा कलेक्शन के लिए बैंकों के लिए एक डेडिकेटेड प्रोत्साहन योजना (आईएसबी) पोर्टल भी डेवलप किया गया है। नतीजतन, यूपीआई पेमेंट सहित डिजिटल पेमेंट की पेशकश करने वाले बैंकों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 216 से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 572 हो गई है।

देश में डिजिटल भुगतान के विकास में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) को प्रमोट करने के लिए ‘प्रोत्साहन योजना’ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत में डिजिटल भुगतान में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है, विशेष रूप से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से। वित्त वर्ष 2023-24 में, यूपीआई ने कुल 131 अरब से अधिक लेन-देन किए, जिनकी कुल राशि ₹200 लाख करोड़ से अधिक रही।

हालांकि, फरवरी 2025 में यूपीआई लेन-देन में जनवरी 2025 की तुलना में 5% की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.99 अरब से घटकर 16.11 अरब लेन-देन पर आ गई। इसी अवधि में लेन-देन का कुल मूल्य भी 6.5% कम होकर ₹23.48 ट्रिलियन से ₹21.48 ट्रिलियन हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, भारत के डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी 2019 में 34% से बढ़कर 2024 में 83% हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों में 74% की सीएजीआर (संचयी औसत वृद्धि दर) को दर्शाती है।

डिजिटल भुगतान को और सशक्त बनाने के लिए, आरबीआई और एनपीसीआई ने वित्तीय साइबर अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और एआई-आधारित समाधान शुरू किए हैं। इसके आलावा 1 अप्रैल 2025 से यूपीआई में महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जो सिस्टम को और अधिक सुरक्षित, कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएंगे। यूपीआई के अश्वमेध की दौड का उद्देश्य भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है, जिससे देश की वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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