अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मा उत्पादों के आयात पर लगाए गए 100 प्रतिशत टैरिफ को लेकर भारत के लिए राहतभरी खबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले का भारतीय निर्यात पर कोई बड़ा असर नहीं होगा, क्योंकि यह टैरिफ केवल ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर लागू है, जबकि अमेरिका को भारत से निर्यात होने वाली दवाओं में सबसे बड़ा हिस्सा जेनेरिक मेडिसिन्स का है।
फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (फार्मेक्सिल) के चेयरमैन नमित जोशी ने कहा, “ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल्स आयात पर प्रस्तावित 100 प्रतिशत टैरिफ का भारतीय निर्यात पर तत्काल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि हमारे निर्यात का अधिकांश हिस्सा जेनेरिक दवाओं से आता है। साथ ही, अधिकांश बड़ी भारतीय कंपनियां पहले से ही अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग या रीपैकेजिंग यूनिट चला रही हैं और आगे अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रही हैं।”
इंडियन फार्मास्यूटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने भी यही रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि यह कार्यकारी आदेश केवल पेटेंटेड या ब्रांडेड उत्पादों पर लागू होता है और जेनेरिक दवाओं पर कोई असर नहीं डालता।
अमेरिका पर भारत की जेनेरिक सप्लाई का दबदबा
भारत लंबे समय से सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की सप्लाई का वैश्विक केंद्र रहा है। वर्तमान में भारत अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 45% से अधिक जेनेरिक दवाएं और 15% बायोसिमिलर दवाएं सप्लाई करता है।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात बाजार है। फार्मेक्सिल के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत का कुल 27.9 अरब डॉलर का दवा निर्यात हुआ, जिसमें से 31% यानी 8.7 अरब डॉलर (7.72 लाख करोड़ रुपये) का निर्यात अमेरिका को हुआ। 2025 की पहली छमाही में ही भारत ने 3.7 अरब डॉलर (32,505 करोड़ रुपये) की दवाएं अमेरिका को सप्लाई की हैं।
जोशी ने कहा, “भारत लंबे समय से अमेरिका की लगभग 47 प्रतिशत दवा आवश्यकताओं की आपूर्ति कर रहा है, खासकर जेनेरिक सेगमेंट में।” हालांकि, अमेरिकी प्रशासन की इस नई घोषणा का तात्कालिक असर भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिला। शुक्रवार को सन फार्मा, बायोकॉन, जाइडस लाइफसाइंसेज, अरबिंदो फार्मा, डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन, सिप्ला और टोरेंट फार्मा जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। IMED के फोरम कोऑर्डिनेटर राजीव नाथ ने उम्मीद जताई कि इस टैरिफ का मेडिकल उपकरणों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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