​केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में हिमस्खलन, श्रद्धालुओं में दहशत

इस घटना ने 2013 की विनाशकारी केदारनाथ बाढ़ को ध्यान में रखा।

​केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में हिमस्खलन, श्रद्धालुओं में दहशत

Avalanche in Kedarnath temple area, chaos among devotees

उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में शनिवार सुबह आए हिमस्खलन से श्रद्धालुओं में अफरा तफरी मच गई। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि चिंता की कोई बात नहीं है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे ‘केदार गुंबद’ और ‘स्वर​ ​ग्रोहिणी’ के बीच एक हिमखंड टूटकर केदारनाथ मंदिर के पीछे चोरा​ ​बादमी झील में गिर गया|​ ​

बर्फ के टुकड़े तीन से चार मिनट तक झील के पानी पर तैरते रहे। मंदिर के पीछे हिमस्खलन से श्रद्धालुओं में दहशत फैल गई। इस घटना ने 2013 की विनाशकारी केदारनाथ बाढ़ को ध्यान में रखा। हालांकि, इन ग्लेशियरों ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों का स्तर नहीं बढ़ाया। अजय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है।

​​प्रशासन, मंदिर समिति, गढ़वाल मंडल विकास निगम और राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की टीमें लगातार जलस्तर पर नजर रखे हुए हैं|​​ यह घटना मंदिर से काफी दूर की है।​ हालांकि​ केदार​​पुरी बस्ती प्रभावित नहीं हुई है।

केदारनाथ के चौराबाड़ी क्षेत्र में हिमस्खलन (एवलांच) होने का क्रम जारी है। शनिवार को फिर हिमस्खलन हुआ। पिछले नौ दिनों के भीतर यह तीसरी घटना है।केदारनाथ धाम में मंदिर परिसर से करीब पांच से सात किमी की दूरी पर चौराबाड़ी ग्लेशियर के टूटने की घटनाएं हो रही हैं। बीते​,​ 22 सितंबर को पहली घटना हुई। इस दृश्य को लोगों ने कैमरे में कैद किया। इसके बाद 26 सितंबर को केदारनाथ के इसी क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ। अब शनिवार को फिर से बड़ा एवलांच आया जो धुएं के गुब्बार की तरह फैलता दिखाई दिया।

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