​ उत्तरकाशी बादल फटने से मची तबाही, अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर पहुंची!

श्रमिकों का टेंट भूस्खलन की चपेट में आ गया, टेंट में 19 श्रमिक स्टे कर रहे थे, जिनमें 10 श्रमिक सुरक्षित हैं, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है​|​ 

​ उत्तरकाशी बादल फटने से मची तबाही, अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर पहुंची!

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उत्तरकाशी जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलिगढ़ में बीती रात को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई|​ इस प्राकृतिक आपदा के कारण एक निर्माणाधीन होटल साइट को व्यापक नुकसान पहुंचा है|​ घटना में 8-9 मजदूरों के लापता होने की खबर है|​ उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में शनिवार रात से मूसलाधार वर्षा चल रही है।
उत्तरकाशी जनपद में जहां बादल फटने से एक होटल के निर्माण कार्य में लगे नौ मजदूर लापता हैं। वहीं यमुनोत्री हाइवे 10 मीटर वॉशआउट हुआ है। इधर, रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है।
दोनों जनपदों में पुलिस नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की अपील कर रही है और तीर्थ यात्रियों व अन्य लोगों को नदी किनारे जाने से भी रोकने की अपील की है। चमोली जिले में वर्षा से कई जगह हाईवे पर मलबा और भूस्खलन आने से मार्ग बाधित हुए हैं। मलबा आने से कमेडा नंदप्रयाग में हाईवे बंद है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान पालीगाड़ से करीब 4-5 किमी आगे सिलाई बैंड के पास अतिवृष्टि (भूस्खलन) के कारण 9 मजदूरों के लापता होने की सूचना है|​ पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व, एनएच बड़कोट, स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा राहत एवं खोज बचाव का कार्य जारी है|​ श्रमिकों का टेंट भूस्खलन की चपेट में आ गया, टेंट में 19 श्रमिक स्टे कर रहे थे, जिनमें 10 श्रमिक सुरक्षित हैं, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है|​ 
 
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