झारखंड के लातेहार के नवाडीह इलाके में मंगलवार (26 नवंबर) रात माओवादी गुटों के बीच हुई आंतरिक झड़प में 15 लाख रुपये के इनामी कुख्यात माओवादी कमांडर छोटू खरवार मारा गया। लातेहार के छिपादोहर सिकिद गांव के मूल निवासी छोटू खरवार को माओवादी संगठन में “सुजीत जी” के नाम से भी जाना जाता है। पुलिस ने उसका शव बरामद कर लिया है। बता दें की, छोटू खरवार की मौत CPI माओवादी संगठन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखी जा रही है। छोटू खरवार की मौत माओवादी रैंकों के भीतर चल रहे संघर्ष को दर्शाती है साथ ही इसे झारखंड में लाल आतंकवाद से निपटने वाले सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता भी माना जा रहा है।
झारखंड के लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा और गुमला इन जिलों में छोटू खरवार आतंक के जीता-जागता उदाहरण जैसा था। जबरन वसूली, हत्या, सुरक्षा बलों पर हमले तक के 100 से अधिक आपराधिक मामलों में छोटू को वांटेड घोषित किया गया था। झारखंड पुलिस द्वारा घोषित 15 लाख रुपये के इनाम के अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी उसकी गिरफ्तारी के लिए 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
छोटू खारवार CPI माओवादी क्षेत्रीय समिति में कार्यरत था। उसके आपराधिक रिकॉर्ड में कई जघन्य अपराध शामिल हैं, जिसमें छिपादोहर में हाल ही में एक दिहाड़ी मजदूर की हत्या भी शामिल है। अगस्त में पुलिस ने उसके घर पर पोस्टर चिपकाकर उसे 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश होने को कहा था।
2016 में बालूमाथ पुलिस ने एक चिट फंड कंपनी के मैनेजर चंदन कुमार से 3 लाख रुपये जब्त किए थे। चंदन कुमार ने दावा किया था कि यह रकम छोटू की है। जांच के दौरान छोटू के 26 लाख रुपये के निवेश का खुलासा करने वाली एक जमा पर्ची भी मिली थी। इस वित्तीय सुराग के कारण जनवरी 2018 में एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया। छोटू की पत्नी ललिता देवी को अक्टूबर 2019 में माओवादी फंड को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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