नई दिल्ली, कोरोना महामारी से लड़ रही जंग में दुनिया दो तरह के हथियार इस्तेमाल कर रही है। एक चिकित्सकीय और दूसरा गैर चिकित्सकीय। चिकित्सकीय हथियार के तहत सबसे कारगर तरीका टीका बना हुआ है। भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन चरणबद्ध तरीके से लोगों को दी जा रही हैं। अध्ययन बताते हैं कि कोरोना के चलते देश में हुई मौतों में 88 फीसद हिस्सेदारी 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की है, लिहाजा इस आयुवर्ग के सभी लोगों को वैक्सीन तेजी के साथ लगाई जा रही है। भारत में वैक्सीन का उत्पादन भले ही दुनिया में सर्वाधिक है, लेकिन बड़ी आबादी वाले देश में किए जा रहे सबसे तेज टीकाकरण और दुनिया के गरीब और पिछड़े देशों को भी इसकी आपूर्ति करने के चलते सभी को शीघ्र वैक्सीन देने की सीमाएं भी पैदा हो चली हैं।
अभी हम दस करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक दे सके हैं। चिकित्सकीय कदम के तहत इस सबसे कारगर उपाय के दम पर महामारी से निपटने में समय लगेगा। ऐसे में हमें गैर चिकित्सकीय कदमों जैसे मास्क लगाना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और खानपान और स्वस्थ दिनचर्या बनाए रखनी होगी। अध्ययन बताते हैं कि गैर चिकित्सकीय कदमों में आर्थिक और संक्रमण के लिहाज से मास्क सबसे कारगर है। देश के आर्थिक विकास और लोगों की निजी जरूरतों के मद्देनजर अनंत काल तक लॉकडाउन संभव नहीं है। संयमित तरीके से मास्क के साथ हम दो गज की दूरी बनाते हुए रोजाना के अपने कामकाज निपटा सकते हैं। प्रभावी तरीके से मास्क के इस्तेमाल से कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगेगी। तेज टीकाकरण से धीरे-धीरे एक बड़ी आबादी इस वायरस से अजेय हो जाएगी।
देश हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ चलेगा। लेकिन इस नतीजे को पाने के लिए हमें दो चीजें ध्यान रखनी होगी। पात्र लोग वैक्सीन लगाएं और जो इस दायरे से बाहर हैं, वे मास्क और तमाम एहतियात बड़ी शिद्दत के साथ बरतें। वैक्सीन लगवाने के बाद भी आपके लिए मास्क जरूरी है। वायरस भले आपको न संक्रमित कर पाए लेकिन आपके स्प्रेडर बनने में कोई शंका नहीं होनी चाहिए। ऐसे में अभी मास्क ही हम सबका ब्रह्मास्त्र है। मेडिकल जगत में माना जाता है कि प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर। यानी किसी रोग के इलाज से अच्छा है कि उससे बचाव किया जाए। कोरोना के मामले में भी ऐसा ही है। अगर हम कोविड अनुकूल अपना व्यवहार रखें, यानी सही तरीके से मास्क लगाएं, दो गज की दूरी रखें, और अपना खान-पान व जीवनशैली दुरुस्त रखकर अपने प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते रहें तो कोरोना वायरस हमें संक्रमित नहीं कर पाएगा। बीमार ही नहीं होंगे तो इलाज की भी जरूरत नहीं होगी।