प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ”तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं की सफलता के बारे में जानेंगे तो आपको भी अच्छा लगेगा। ये महिलाएं कभी खेतों में मजदूरी करती थीं। रोजी रोटी के लिए दिन-भर मेहनत करती थीं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, ”इन महिलाओं ने एक और सराहनीय काम किया है। इन्होंने ‘गिरी सैनिटरी पैड्स’ बनाना भी शुरू किया। मात्र तीन महीनों में इन्होंने 40,000 पैड्स बनाकर स्कूलों और कार्यालयों में बहुत ही सस्ती दर पर वितरित किए। यह कार्य न केवल महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि एक सशक्त सामाजिक बदलाव का प्रतीक भी बन रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कलबुर्गी की महिलाओं की भी सराहना की। पीएम मोदी ने कहा, ”कलबुर्गी की महिलाओं ने ज्वार की रोटी को एक ब्रांड का रूप दिया। इन्होंने एक सहकारी समिति बनाई है, जिसमें हर दिन तीन हजार से अधिक ज्वार की रोटियां बनाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश की सुमा उईके का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ”बालाघाट जिले के कटंगी ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह से जुड़कर मशरूम की खेती और पशुपालन का प्रशिक्षण लिया। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी आय बढ़ाई और अपने काम को ‘दीदी कैंटीन’ और ‘थर्मल थेरेपी सेंटर’ तक विस्तारित कर दिया।
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