नए साल का जश्न जैसे-जैसे करीब आता है, पार्टियों और शराब का चलन भी बढ़ जाता है। लेकिन वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियां और सख्त चेतावनी दे रहे हैं, त्योहारों में एक ही रात में अत्यधिक शराब पीना यानी बिंज ड्रिंकिंग करना सामान्य या नियमित शराब सेवन की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, इसे केवल हैंगओवर समझना गंभीर भूल है, क्योंकि इसके प्रभाव दिमाग, दिल, लिवर और मानसिक स्वास्थ्य तक को प्रभावित कर सकते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि न्यू ईयर ईव एक हाई-रिस्क सेटिंग बन जाती है, जहां लंबे समय तक शराब पीना, अलग-अलग तरह की शराब पीना, डिहाइड्रेशन होना, ठीक से खाना न खाना, ठंड और शारीरिक थकान, ये सभी मिलकर शरीर की सहनशक्ति को तोड़ देते हैं। यही कारण है कि एक “सेलिब्रेटरी ड्रिंक” बहुत तेजी से फिजियोलॉजिकल जोख़िम में बदल सकती है।
कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. भारत कुमार सुरिसेट्टी के अनुसार, शराब दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर जैसे GABA और सेरोटोनिन को अस्थायी रूप से प्रभावित करती है। शराब उतरते ही ये स्तर तेजी से गिरते हैं और दिमाग अत्यधिक उत्तेजित अवस्था में चला जाता है, जिससे चिंता, घबराहट और पैनिक अटैक हो सकते हैं। इसे आज ऐंक्सायटी कहा जा रहा है। तेजी से बड़ी मात्रा में शराब पीने से नींद भी बुरी तरह प्रभावित होती है। शराब से आई नींद गहरी नहीं होती, जिससे अगला दिन ब्रेन फॉग, चिड़चिड़ापन और भावनात्मक अस्थिरता से भरा रहता है।
डॉक्टर के अनुसार जो लोग सिर्फ खास मौकों पर पीते हैं, वे ज्यादा जोखिम में होते हैं। कम सहनशीलता के कारण ब्लैकआउट, गलत फैसले और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। उनके मुताबिक, एक ही रात में ज्यादा शराब नर्वस सिस्टम के लिए झटका बन सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, लिवर सीमित मात्रा में ही शराब को प्रोसेस कर सकता है। ज्यादा मात्रा में शराब से एसिटाल्डिहाइड जैसे जहरीले तत्व जमा होते हैं, जिससे अचानक लिवर इंफ्लेमेशन, उल्टी, तेज एसिडिटी और पीलिया तक हो सकता है। एक ही बिंज एपिसोड से भी शराब न पीने वालों में अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस ट्रिगर हो सकता है।
कार्डियोलॉजिस्टस के अनुसार अचानक ज्यादा शराब पीने से एड्रेनालिन जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ते हैं, जिससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है। यह एरिदमिया, हार्ट अटैक और स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है। इसे ‘हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें शराब दिल की इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बिगाड़ देती है। दिल शराब की फ्रीक्वेंसी नहीं, उसकी डोज पर प्रतिक्रिया करता है। एक ही रात की अधिकता भी गंभीर कार्डियक इवेंट करा सकती है।
न्यू ईयर पर एक रात में ठूंस-ठूंस कर पी गई शराब शरीर की मेटाबॉलिक क्षमता को पार कर जाती है। इसके बाद एंग्जायटी, पैनिक, नींद की गड़बड़ी और ‘पोस्ट-पार्टी इमोशनल क्रैश’ देखने को मिलते हैं।
डॉक्टरों की राय है कि जश्न आत्म-नुकसान का पर्याय नहीं होना चाहिए। हाइड्रेशन, सीमित मात्रा में खाना, पूरी नींद लेना और चाहें तो पूरी तरह न पीने का विकल्प चुनना ही सुरक्षित जश्न की कुंजी है। विशेषज्ञों के शब्दों में, असली खतरा शराब नहीं, बल्कि यह मान लेना है कि सिर्फ एक रात कुछ नहीं बिगाड़ेगी।
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