पिछले कुछ वर्षों में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting – IF) तेजी से लोकप्रिय हुआ है और इसे वजन घटाने का प्रभावी तरीका माना जा रहा है। लेकिन क्या यह वास्तव में वजन घटाने के लिए कारगर है, या यह सिर्फ एक फिटनेस ट्रेंड बनकर रह जाएगा?
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक खाने का पैटर्न है, जिसमें व्यक्ति कुछ निश्चित समय के लिए भोजन करता है और बाकी समय उपवास रखता है। सबसे लोकप्रिय तरीकों में 16:8 विधि (16 घंटे उपवास, 8 घंटे खाने का समय) और 5:2 विधि (सप्ताह में 5 दिन सामान्य आहार और 2 दिन बहुत कम कैलोरी) शामिल हैं।
कई शोधों से पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में मददगार हो सकता है। 2022 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह मेटाबॉलिज्म को तेज करने, इंसुलिन संवेदनशीलता सुधारने और शरीर की फैट-बर्निंग क्षमता बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट के अनुसार, जब हम लंबे समय तक उपवास करते हैं, तो शरीर संग्रहित फैट को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने लगता है, जिससे वजन कम होता है।
डॉ. नीरज भाटिया, न्यूट्रिशनिस्ट और फिटनेस एक्सपर्ट, बताते हैं “इंटरमिटेंट फास्टिंग वैज्ञानिक रूप से प्रभावी है, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। यदि सही आहार और एक्सरसाइज़ के साथ इसे अपनाया जाए, तो यह वजन घटाने में मदद कर सकता है। लेकिन यह कोई जादुई तरीका नहीं है।” डॉ. राधिका वर्मा, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, कहती हैं, “इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन कम हो सकता है, लेकिन अगर इसे अनुशासन के साथ न किया जाए, तो यह बैकफायर भी कर सकता है। लंबे समय तक भूखे रहने के बाद कुछ लोग अधिक कैलोरी का सेवन कर लेते हैं, जिससे वजन कम होने की बजाय बढ़ सकता है।”
यह भी पढ़ें:
म्यांमार: 5.1 तीव्रता का फिर आया भूकंप, अब तक 1000 से ज्यादा की मौत!
बलूचिस्तान में बीएनपी की रैली के दौरान आत्मघाती हमला, 6 घायल
ब्राजील: ब्रिक्स महिला व्यापार प्रतिनिधियों ने महिलाओं की शक्ति को एकत्रित करने पर चर्चा की!
इंटरमिटेंट फास्टिंग कई लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन मधुमेह, ब्लड प्रेशर, गैस्ट्रिक समस्याओं, या गर्भवती महिलाओं के लिए इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रभावी वजन घटाने की तकनीक हो सकती है, लेकिन यह सिर्फ खाने की समय-सारणी बदलने से अधिक है। इसका प्रभाव व्यक्ति की जीवनशैली, आहार और अनुशासन पर निर्भर करता है। यदि इसे संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ जोड़ा जाए, तो यह वास्तव में लाभदायक हो सकता है। हालांकि, यह कोई जादुई समाधान नहीं है, और सभी के लिए फायदेमंद हो यह जरूरी नहीं।