मुनक्का, जिसे काली किशमिश भी कहा जाता है, भले ही आकार में छोटा हो, लेकिन इसके फायदे बड़े और अनगिनत हैं। घरेलू नुस्खों और सोशल मीडिया पर अक्सर इसकी उपयोगिता बताई जाती है कि इसे भिगोकर खाने से त्वचा चमकदार बनती है, खून की कमी पूरी होती है और शरीर को ताकत मिलती है।
मुनक्का वास्तव में सूखे अंगूर का रूप है, जिसमें विटामिन, फाइबर, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों की वजह से यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में फरवरी 2022 में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि मुनक्का में लिपिड (वसा) कम करने और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ये गुण स्किन हेल्थ को बेहतर बनाने, रंगत में निखार लाने और उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करने में मददगार साबित होते हैं।
अगर शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम है, तो रातभर 8-10 मुनक्के पानी में भिगोकर सुबह उस पानी को पीने से खून की कमी दूर होने लगती है। यह विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद है। मुनक्का का सेवन थकान और कमजोरी से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी से भरपूर मुनक्का प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। यह सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाव में कारगर है। वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करने में मदद करते हैं।
चरक संहिता के अनुसार, मुनक्का आयरन और विटामिन-बी से समृद्ध होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में सहायक है। इसमें मौजूद आयरन बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें मजबूत बनाता है।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए पानी में मुनक्का उबालकर पीना लाभदायक माना जाता है। यह बीपी को नियंत्रित करने में मदद करता है। वहीं सर्दियों में मुनक्का पानी का सेवन लंग्स को मजबूती देता है और सांस संबंधी परेशानियों को कम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर में वात और पित्त का संतुलन बनाए रखने में सहायक है।
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