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Saturday, April 26, 2025
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नीमच: अप्रैल में ही 40 डिग्री तापमान, मिट्टी के मटकों की बिक्री में उछाल

इस बार होली के तुरंत बाद ही बिक्री शुरू हो गई थी और अब तक आधे से ज्यादा स्टॉक बिक चुका है।

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मध्य प्रदेश के नीमच जिले में अप्रैल की शुरुआत में ही पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे भीषण गर्मी का अहसास समय से पहले ही लोगों को होने लगा है। असामान्य गर्मी के इस दौर में लोग एक बार फिर पारंपरिक ठंडक के उपायों की ओर लौटते दिख रहे हैं — खासकर मिट्टी के मटके की ओर।

नीमच की सड़कों और गलियों में इन दिनों मटका विक्रेताओं की रौनक बढ़ गई है। बाजार में सजने लगे हैं राजस्थान से आए खास मिट्टी के मटके, जो गर्मी में प्राकृतिक रूप से ठंडा पानी प्रदान करते हैं। गर्मी की तेजी के साथ-साथ इन मटकों की बिक्री भी आसमान छू रही है।

हालांकि आज के दौर में अधिकांश घरों में फ्रिज मौजूद है, लेकिन लोग अब स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए मटके के पानी को प्राथमिकता दे रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मटके का पानी ना सिर्फ ठंडा होता है बल्कि यह पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है और शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।

नीमच के गुरुद्वारा साहिब के ज्ञानी सागर सिंह ने कहा, “हम सालभर फ्रिज का पानी नहीं पीते। गर्मी में मटके का पानी ही पीते हैं क्योंकि यह सेहत के लिए अच्छा होता है। साथ ही, हमें पशु-पक्षियों के लिए भी पानी का प्रबंध जरूर करना चाहिए।”

मटका विक्रेता मदन प्रजापति ने बताया कि इस बार होली के तुरंत बाद ही बिक्री शुरू हो गई थी और अब तक आधे से ज्यादा स्टॉक बिक चुका है। “ये मटके राजस्थान से आते हैं और बालू-रेत मिश्रित मिट्टी से बने होते हैं, जिससे पानी जल्दी ठंडा होता है और स्वाद भी बेहतर होता है।”

नीमच जिले की यह भीषण गर्मी सिर्फ स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है। आमतौर पर मई-जून में जो गर्मी महसूस होती थी, वह अब अप्रैल में ही दस्तक दे रही है। मौसम विभाग भी आने वाले दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी की आशंका जता रहा है। इस समय जहां आधुनिक जीवनशैली में तकनीक का बोलबाला है, वहीं पारंपरिक उपायों की ओर लोगों की यह वापसी एक सकारात्मक संकेत भी है—कि जब बात स्वास्थ्य और पर्यावरण की आती है, तो मिट्टी का मटका आज भी लोगों का भरोसेमंद साथी है।

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