योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर और मन के बीच संतुलन बनाने की एक संपूर्ण प्रक्रिया है। यह न केवल हमें स्वस्थ बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा से भरपूर दिन की शुरुआत भी सुनिश्चित करता है। ऐसे ही कई योगासनों में एक है ‘उत्तानासन’, जिसे नियमित रूप से करने से शरीर मजबूत होता है और दिमाग तरोताजा रहता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, उत्तानासन एक ऐसा आसन है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में खिंचाव लाकर मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह आसन अत्यंत लाभकारी है, जो दिनभर कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं या एक ही मुद्रा में लंबे समय तक रहते हैं।
मानसिक तनाव करता है कम
उत्तानासन मानसिक तनाव को कम करने में अत्यधिक प्रभावी है। इस आसन को करते समय जब शरीर नीचे झुकता है, तो रक्त प्रवाह मस्तिष्क की ओर बढ़ता है, जिससे वहां ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इससे दिमाग शांत होता है और तनाव में कमी आती है। यह योगासन सिरदर्द और अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी कारगर है।
पाचन और नींद के लिए भी लाभकारी
इस योग के अभ्यास से पाचन तंत्र सक्रिय होता है क्योंकि झुकने की प्रक्रिया के दौरान पेट और आसपास की मांसपेशियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह गैस, अपच और कब्ज जैसी आम समस्याओं से राहत दिलाता है। साथ ही तनाव कम होने के कारण नींद में सुधार होता है।
उत्तानासन के दौरान जांघ, पिंडली, पीठ और कमर की मांसपेशियों पर सीधा दबाव पड़ता है, जिससे उनकी मजबूती बढ़ती है। इसके नियमित अभ्यास से घुटनों और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
कैसे करें उत्तानासन?
उत्तानासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को कमर पर रखें। फिर गहरी सांस लेते हुए कमर से झुकते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। अब अपने दोनों हाथों से टखनों को पकड़ें और पैरों को एक-दूसरे के समानांतर सीध में रखें। इस मुद्रा में 30 सेकंड से लेकर 1 मिनट तक स्थिर रहें। अंत में धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस खड़े हो जाएं।
बरतें ये सावधानियां
यदि आपकी पीठ या कमर में किसी प्रकार की चोट है, तो इस आसन का अभ्यास न करें। साइटिका (sciatica) से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन सख्त वर्जित है, क्योंकि इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
उत्तानासन न केवल शारीरिक स्फूर्ति का माध्यम है, बल्कि मानसिक संतुलन और आंतरिक ऊर्जा का भी स्रोत है। नियमित अभ्यास से यह योगासन शारीरिक लचीलापन, मानसिक स्पष्टता और आंतरिक संतुलन प्रदान करता है।
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