मुंबई। महाराष्ट्र के आदिवासी बाहुल्य जिले नंदुरबार के जिलाधिकारी जिले के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध बेड की जानकारी जिला प्रशासन की वेबसाइट पर उपलब्ध कराते हैं। इससे लोगों को पता चलता है कि किस अस्पताल में कोरोना मरीज के लिए बिस्तर का इंतजाम हो सकता है। बांबे हाईकोर्ट को नंदुरबार के जिलाधिकारी की यह तरकीब इतनी पसंद आई कि खंडपीठ ने कहा कि राज्य के दूसरे जिलों के जिलाधिकारी नंदुरबार के कलेक्टर से सीखें।
24 घंटे में अपडेट होती है जानकारी
दरअसल हाईकोर्ट में कोरोना के उपचार में कुप्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता के वकील सीमिल पुरोहित ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने कहा कि बीएमसी ने बेड की उपलब्धता की जानकारी देने के लिए जो वार रूम बनाया है ,उसमें बेड की उपलब्धता से जुडी जानकारी 24 घंटे में अपडेट की जाती है, लेकिन नंदुरबार के जिलाधिकारी ने अपनी वेबसाइट पर जो डैशबोर्ड बनाया है उसमें उनके इलाके में स्थित अस्पतालों में बेड उपलब्ध होने की ताजा जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। कोरोना मरीज के उपचार के लिए एक-एक पल महत्वपूर्ण होता है। इस लिहाज से नंदुरबार के जिलाधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध डैशबोर्ड में बेड की जानकारी कोरोना मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है।
राज्य स्तरीय डैशबोर्ड बनाने की तैयारी
इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने बताया कि राज्य सरकार राज्य स्तर पर डैशबोर्ड तैयार कर रही है। जिस पर सरकारी व निजी अस्पतालों में उपलब्ध बेड के साथ दवाओं की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। डैशबोर्ड में ऑक्सीजन आपूर्ति की जानकारी भी लिंक की जाएगी। इसके अलावा 2000 बिस्तर की क्षमता वाले तीन जंबो कोविड सेंटर बनाए जा रहे हैं। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने नंदुरबार के जिलाधिकारी द्वारा एक क्लिक पर बेड की जानकारी उपलब्ध कराने से जुड़े कदम की सराहना की और अपेक्षा व्यक्त की राज्य के अन्य जिलों की जिलाधिकारी की भी इसका अनुकरण करेंगे।
कोरोना की जांच के लिए 500 लैब
इस दौरान खंडपीठ ने पाया कि वर्तमान में राज्य भर में कोरोना की जांच के लिए 500 लैब क्रियान्वित हैं। इसमें से 232 लैब में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। जबकि शेष लैब में एंटीजन टेस्ट किया जाता है। फिलहाल लैब की मंजूरी को लेकर कोई भी प्रस्ताव प्रलंबित नहीं है। खंडपीठ ने कहा यदि लैब की मंजूरी को लेकर प्रस्ताव आते हैं तो इस पर शीघ्रता से निर्णय लिया जाए। इसके अलावा सरकार आश्वस्त करें कि दवाओं की उपलब्धता की जानकारी देने के लिए बनाई गई व्यवस्था 24 घंटे कार्यरत रहे। खंडपीठ ने कहा कि हम राज्य भर के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार से जुड़ी सुविधाओं की उपलब्धता व अस्पतालों के फायर ऑडिट के मुद्दे पर अगली सुनवाई के दौरान विचार करेंगे। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 12 मई 2021 को रखी है।