जलील ने पालक मंत्री सुभाष देसाई को लिखे पत्र में कहा कि महाराणा प्रताप का नाम उनकी वीरता के कारण इतिहास में अमर है। उन्होंने कहा कि लेकिन 90 लाख रुपये खर्च कर उनकी प्रतिमा लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा और उन्हें असली श्रद्धांजलि उनके नाम पर एक ‘सैनिक स्कूल’ स्थापित करना होगा जहां ग्रामीण क्षेत्रों के युवा सैन्य प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें।
शिवसेना के स्थानीय नेता और विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने जलील के रुख की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया कि महाराणा प्रताप ‘‘हिंदुत्व का गौरव’’ हैं। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम सांसद को ‘‘प्रतिमाओं से अच्छे काम के लिए प्रेरणा नहीं मिल सकती है, लेकिन हमें मिलती है।’’ दानवे ने कहा कि जलील को केंद्र सरकार की योजना के तहत एक सैनिक स्कूल बनवाना चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जिले में केंद्रीय विद्यालय का विस्तार हो।
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