मैं महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक मामले में जांच के लिए तैयार हूं। अगर मुझसे दोबारा पूछताछ की जाती है तो मैं पूरा सहयोग करूंगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैं कानून मानने वाला आदमी हूं।
राष्ट्रवादी भवन में पत्रकारों से बातचीत में अजित ने कहा कि इस मामले में अब तक कई बार जांच हो चुकी है। हर बार अजित पवार का नाम आता है। लेकिन बाकी 75 लोगों के नाम नहीं बताए जाते हैं। सिर्फ अजित पवार का नाम, फोटो और हेडलाइन रहती थी। अब सरकार उनकी की है। वे जैसे चाहें जांच कर लें। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मुंबई की विशेष अदालत को सूचित किया है कि राज्य सहकारी बैंक के कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच करना चाहते हैं। इसलिए चर्चा है कि बैंक घोटाला मामले में अजित पवार से दोबारा पूछताछ की जाएगी।
संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पवार ने इस पृष्ठभूमि को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इससे पहले जांच सहकारिता विभाग, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, सीआईडी, एसीबी, ईओडब्ल्यू द्वारा की गई थी। मैं एक नागरिक हूं। मैं संविधान, कानून में विश्वास करता हूं। मैं जांच के दौरान मुझसे पूछे जाने वाले किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार हूं। मैं जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हूं। पवार ने कहा कि पूछताछ करने वालों को मैं जवाब दूंगा।
गीला सूखा घोषित करें: भारी बारिश से राज्य के कई इलाकों में हाहाकार मच गया है। पुणे में बाढ़ आ गई है। पिछले महीने हुई भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ था। अब बारिश की वापसी से किसानों की फसल खत्म हो गई है। बारिश ने खरीपा की फसल के साथ-साथ रबी को भी प्रभावित किया है। ऐसे में किसान संकट में है। सरकार ने कहा था कि वह किसानों के खातों में पैसा जमा करेगी। लेकिन किसान कह रहे हैं कि अभी तक पैसा नहीं मिला है। इसलिए सरकार को किसानों पर ध्यान देना चाहिए। पवार ने यह भी मांग की कि राज्य में गीला सूखा घोषित किया जाना चाहिए।
अजित ने कहा कि सरकार के माध्यम से घोषणा की गई थी कि राज्य के लोगों को 100 रुपये में दिवाली किट दी जाएगी। इसके लिए एक कंपनी को करोड़ों का ठेका दिया गया था। लेकिन राशन अभी तक लोगों तक नहीं पहुंचा है। अजीत पवार ने कहा कि लोगों को यह राशन पारदर्शी और मध्यम कीमत पर मिलने की उम्मीद है।
जनप्रतिनिधियों के पास कोई विकल्प नहीं: विपक्ष के नेता ने कहा कि इस सरकार के 100 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार में जनप्रतिनिधियों का कोई अता पता नहीं है कि वे क्या कह रहे हैं और कैसे कह रहे हैं। साथ ही अधिकारियों से अभद्र भाषा भी बोली जा रही है। क्या यही है महाराष्ट्र की संस्कृति?
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