महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और नवाब मलिक के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बुधवार को एक बार फिर नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस करके देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में जाली नोटों का धंधा देवेंद्र फडणवीस के संरक्षण में चल रहा था और उनका अंडरवर्ल्ड से संबंध है।
प्रेस कांफ्रेंस में नवाब मलिक ने कहा कि जब PM नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे काला धन और आतंकवाद पर पाबंदी लगेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इससे जाली नोटों का धंधा खत्म हो जाएगा। नवाब मलिक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान सभी राज्य से जाली नोट बरामद हुए लेकिन महाराष्ट्र से नहीं।
नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि आठ अक्टूबर 2017 को डीआरआई ने छापेमारी की और 14.56 करोड़ रुपये के फर्जी नोट बरामद किए लेकिन इस केस को उस वक्त के मुख्यमंत्री फडणवीस ने कमजोर बनाया। उन्होंने सिर्फ 8.80 लाख रुपये के नोटों की जब्ती ही सार्वजनिक की। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और राज्य में रही उनकी सरकार के दौरान किए गए कामों पर निशाना साधा।
नवाब मलिक ने कहा कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को बचाने की कोशिश हो रही है। फडणवीस की तरफ से लगाए सभी आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी नेता पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी और यह तक कहा कि फडणवीस जाली नोटों के धंधे को बढ़ावा दे रहे थे और उनके इशारे पर मुंबई में उगाही हो रही थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दाऊद के करीबी रियाज भाटी को देवेंद्र फडणवीस का संरक्षण हासिल था। फडणवीस की ओर से मुंबई धमाकों के आरोपी से जमीन खरीदने के आरोप पर नवाब मलिक ने कहा कि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए जमीन खरीदी थी।
गौरतलब है कि मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि नवाब मलिक का दाऊद इब्राहिम से संबंध है। उन्होंने दावा किया था कि नवाब मलिक अंडरवर्ल्ड के लोगों से सस्ते दामों पर जमीन खरीदी है ,जिनका संबंध मुंबई बम कांड से है।
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