नई दिल्ली। कहा जाता है कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है। यह कहावत सौ फीसदी सही साबित हो रही है.वर्तमान दौर देश और दुनिया के लिए बड़ा ही संकटमय है। कोरोना महामारी ने दुनिया को ही नहीं भारत को भी कैद कर रखा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह है कि लोग सदमे हैं. अपनों को खोने का डर, ऑक्सीजन का संकट, कोरोना की टेस्टिंग इत्यादि चीजों से लोग परेशान हैं। इस बीच देश के लिए अच्छी खबर है। बताया जा रहा है कि बिहार आईआईआईटी के छात्रों ने एक सॉफ्टवेयर बनाया है. इस सॉफ्टवेयर से कोरोना है या नहीं, इसके बारे में दो मिनट में ही पता चल जाएगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिए मरीज के छाती के एक्सरे और सिटी स्कैन की रिपोर्ट देखकर महज दो सेकेंड में कोविड पॉजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट बता देगा। इससे न सिर्फ कोरोना, बल्कि टीबी, वायरल और बैक्टीरियल निमोनिया सहित सामान्य मरीजों का भी पता एक्सरे प्लेट से सेकेंड में पता चल जाएगा। जानकारी के अनुसार इस अविष्कार को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
आईसीएमआर ने इसके लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया है। पटना एम्स में इस सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग शुरू हो गई है। एम्स में अगले 2-3 दिनों तक कई कोविड मरीजों के एक्स रे और सिटी स्कैन इमेज की जांच कोविड डिटेक्टिंग सॉफ्टवेयर के जरिए की जाएगी। इसके बाद मरीज के निगेटिव या पॉजेटिव होने की रिपोर्ट को सलाहकार समिति स्टडी करेगी। इसके बाद इस रिपोर्ट को आईसीएमआर को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि आईसीएमआर सॉफ्टवेयर की मान्यता को लेकर अगले हफ्ते तक निर्णय लिया जा सकता है।