भारी बरसात में रोके जाए नगर परिषद चुनाव

राज्य चुनाव आयोग से भाजपा की मांग, बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव नहीं चाहती पार्टी

भारी बरसात में रोके जाए नगर परिषद चुनाव

राज्य में हो रही भारी बरसात के चलते  नदी-नहरों में बाढ़ आ गई है और स्थानीय लोगों से संपर्क टूट गया है। ऐसी परिस्थिति में राज्य चुनाव आयोग 92 नगर परिषद, 4 नगर पंचायत व 15 ग्राम पंचायतों के लिए घोषित चुनाव कार्यक्रम को स्थगित कर चुनाव आगे के लिए टाले जाए। ऐसी मांग भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मा. चंद्रकांतदादा पाटील के नेतृत्व में भाजपा के शिष्टमंडल ने सोमवार को मुंबई में राज्य चुनाव आयुक्त यू. पी एस. मदान से की।

पाटील ने कहा कि राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव ओबीसी राजनीतिक आरक्षण के बिना न हो, ऐसी भाजपा की भूमिका है। चुनाव आगे करने पर यह आरक्षण फिर से लागू किया जा सकता है, ऐसा मत मा. चंद्रकांतदादा पाटील ने आयोग के कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते समय कहा। पाटील के साथ पूर्व मंत्री गिरीश महाजन, प्रदेश उपाध्यक्ष राम शिंदे, प्रदेश उपाध्यक्ष जयकुमार रावल, प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कर्जतकर, प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत उपस्थित थे। राज्य के विभिन्न नगरपालिका क्षेत्रों के स्थानीय भाजपा विधायक और स्थानीय नेता राज्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक में उपस्थित थे।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि, राज्य चुनाव आयोग ने दो दिन पहले अचानक 92 नगरपालिका, 4 नगरपंचायतों के चुनाव को घोषित किया। जिसके अनुसार 20 जुलाई से 18 अगस्त की समय अवधि में चुनाव कार्यक्रम होंगे। यह बरसात का समय है। अभी राज्य में भारी बरसात के कारण स्थान-स्थान पर बाढ़ की स्थिति निर्माण हो गई है। जिस कारण राजनीतिक पार्टियों को आवेदन करना, प्रचार करना और मतदाताओं का मतदान करना मुश्किलों से भरा होनेवाला है। जिस कारण आयोग इस चुनाव कार्यक्रम को स्थगित करके आगे करे, ऐसा निवेदन हमने किया है। मा. राज्य चुनाव आयुक्त ने शहर के अनुसार फिर से समीक्षा करने का आश्वासन दिया है ।

उन्होंने कहा है कि, स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का चुनाव घोषित करते समय बरसात का अनुमान लगाएं, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है। आयोग ने बरसात के आंकड़ों पर विचार किया हो तब भी तथ्य व यथास्थिति का विचार करे, ऐसा हमारा कहना है। 2019 व 2021 इन दो सालों में कराड शहर का अधिकतर भाग कुछ सप्ताह तक पानी में डूबा हुआ था तो पिछले साल कागल शहर पंद्रह दिनों तक बरसात के कारण अन्य स्थानों से इसका संपर्क टूट गया था। इन दो उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए, वर्षा के मामले में तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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