महाआघाडी के फैसलों पर ब्रेक: शिंदे सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

महाआघाडी के फैसलों पर ब्रेक: शिंदे सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

High Court order: 'Review pending cases in the appointment of lawyers!

राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार बनने के बाद पिछली महा विकास आघाड़ी सरकार के कई फैसलों पर रोक लगाई गई है। इनमें से दो फैसलों को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने शिंदे सरकार के निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी है। एक ग्राम पंचायत की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया।   Not The Time To Lose Hope’: Why Shiv Sena’s Priyanka Chaturvedi Is Sticking  With ‘Team Uddhav’.

न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एसजी दिगे की खंडपीठ ने कहा कि विकास कार्यो पर रोक लगाने से विकास परियोजना से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर मंजूर बजट लैप्स हो जाएगा। पुणे की बेलेवाडी ग्रामपंचायत ने इस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मुख्य रुप से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से 19 जुलाई 2022 व 25 जुलाई 2022 को जारी किए गए आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है। इन आदेशों के जरिए पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार की ओर से राज्य भर के ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों को लेकर जारी आदेशों पर रोक लगाई गई थी। जिसके चलते याचिकाकर्ता के गांव की परियोजना भी रुक गई है।

मामले से जुड़े दोनें पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया बजट मंजूरी मिलने के बाद महा विकास आघाडी सरकार की ओर से विकास परियोजना को लेकर आदेश जारी किए गए थे। इस स्थित में यदि अब ऐसे कार्यों को लेकर दोबारा आदेश जारी किया जाता है तो इससे परियोजना को लेकर मंजूर किया गया बजट लैप्स हो जाएगा। इससे पहले सरकारी वकील ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पुराने आदेशों (महाविकास आघाडी सरकार) में सुधार करने के लिए उस पर रोक लगाई है।

याचिका के मुताबिक महाविकास आघाड़ी सरकार ने  31 मार्च 2022 को याचिकाकर्ता के गांव की नाली व दूसरे विकासकार्यों को मंजूरी दी थी। इस संबंध में ठेकेदार को कार्यादेश भी जारी किया गया था लेकिन शिंदे सरकार ने अचानक बिना किसी कारण का उल्लेख किए 19 व 25 जुलाई 2022 को जारी आदेश के जरिए गांव की सारी विकास परियोजनाओं पर रोक लगा दी। यह नियमों के विपरीत है। याचिका के मुताबिक यदि उनके गांव के विकास से जुड़ा कार्य मार्च 2023 तक पूरा नहीं हुआ तो इसके लिए जारी बजट खत्म हो जाएगा। खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद शिंदे सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी और याचिका पर सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

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