मुंबई। भाजपा चाहती है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और परिवहन मंत्री अनिल परब की भी सीबीआई जांच हो। इसको लेकर गुरुवार को भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित किया गया। पुलिस सेवा से बर्खास्त सचिन वाझे ने अपने पत्र में अजित पवार पर भी आरोप लगाए थे जबकि परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने परिवहन मंत्री परब पर वसूली कराने के आरोप लगाए हैं। सचिन वाझे के एक पत्र के अनुसार, भाजपा को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और परिवहन मंत्री अनिल परब की भी जांच करनी चाहिए।
पार्टी ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार की लापरवाही के कारण मराठा आरक्षण के बाद ओबीसी समुदाय का राजनीतिक आरक्षण भी खतरे में पड़ गया है। कार्यकारिणी ने यह भी मांग की है कि बगैर ओबीसी आरक्षण स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाएं। कार्यकारिणी द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि जनता का मजाक उड़ाने वाली सरकार ने अपराधियों को सुरक्षा मुहैया कराई है। वाझे मामला, गृह मंत्री की वसूली का मामला और पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों से ठाकरे सरकार की विश्वसनीयता धूमिल हुई है। फडणवीस सरकार के दौरान मराठा समुदाय को आरक्षण दिया गया था। पर महाविकास अघाड़ी सरकार की लापरवाही के कारण मराठा समुदाय का आरक्षण सुप्रीमद्वारा रद्द कर दिया गया था।
राज्य सरकार को एक बार फिर इस आरक्षण को वापस पाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। आरक्षण मिलने तक मराठा समुदाय को विशेष रियायतें और 3,000 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। इस सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। प्रस्ताव में यह भी मांग की गई कि यह भ्रम को जल्द से जल्द दूर किया जाए और वैक्सीन खरीदे के बचे 7,000 करोड़ रुपए छोटे व्यापारियों, किसानों और मजदूर वर्ग को पैकेज के रूप में दिए जाए।