अलगाववाद को बड़ा झटका, 12 संगठनों ने छोड़ा हुर्रियत का साथ!

गृहमंत्री अमित शाह ने दी जानकारी !

अलगाववाद को बड़ा झटका, 12 संगठनों ने छोड़ा हुर्रियत का साथ!

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जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की विचारधारा को तगड़ा झटका देते हुए हुर्रियत से जुड़े 12 संगठनों ने अब तक खुद को इससे अलग कर लिया है। ताजा घटनाक्रम में जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़कर भारत की एकता और संविधान में विश्वास जताया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ दृष्टिकोण की ऐतिहासिक जीत करार दिया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (11 अप्रैल)को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना व्याप्त है।हुर्रियत से जुड़े एक अन्य संगठन जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज करते हुए भारत की एकता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की घोषणा की है। मैं उनके इस कदम का तहे दिल से स्वागत करता हूं। अब तक हुर्रियत से जुड़े 12 संगठन अलगाववाद से अलग हो चुके हैं और भारत के संविधान पर भरोसा कर रहे हैं।यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने की जीत है।”

इससे पहले गृह मंत्री ने बताया था कि तीन प्रमुख संगठन — जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग, और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट — भी हुर्रियत से अलग हो चुके हैं। उन्होंने लिखा था, “यह घाटी के लोगों में भारत के संविधान के प्रति विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है। पीएम मोदी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है।”

इस घटनाक्रम को कश्मीर घाटी में शांति की बहाली, विकास की राह, और आतंकवाद से दूरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अमित शाह ने इन संगठनों के फैसले को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की स्वीकार्यता का प्रमाण बताया।

हाल ही में अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान शहीद डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट के परिवार से भी मुलाकात की थी। उन्होंने लिखा था, “डीएसपी हुमायूं भट ने कोकरनाग में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देकर वीरता और देशभक्ति की अमर मिसाल कायम की। आज श्रीनगर में उनके परिवार से मिलकर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।”

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