बांद्रा में नशे के कारोबार का विरोध करना एक 40 वर्षीय व्यक्ति को इस कदर भारी पड़ा कि हमलावरों ने उसके घर में घुसकर परिवार के सामने ही तलवार से उसकी आंतें निकाल दीं और बैट से सिर कुचल कर उसकी हत्या कर दी। मृतक की पहचान शाकिर अली के रूप में हुई है। यह दिल दहला देने वाली घटना गुरुवार देर रात बांद्रा के दरगाह गली इलाके में हुई।
बांद्रा पुलिस के मुताबिक, शाकिर अली को उस वक्त निशाना बनाया गया जब वह अपने घर में मौजूद था। आरोपियों ने घर में घुसकर उस पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमले में शाकिर की भाभी शिरीन और भांजा अफ़ज़ल भी घायल हो गए। शाकिर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है – इमरान पठान, उसकी पत्नी फातिमा जाकिर अली उर्फ कायनात, उस्मान जाकिर अली और जाकिर अली सेंडोले। पुलिस के अनुसार, इमरान और उसकी पत्नी इलाके में नशे की सप्लाई से जुड़े हुए थे और उनके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जांच में पता चला है कि इस हत्या के पीछे स्थानीय ड्रग नेटवर्क का सीधा संबंध है।
मृतक की बहन फिरोज़ा ने एक स्थानीय न्यूज़ चैनल से बात करते हुए बताया कि हमला कितना वीभत्स था। “उन्होंने मेरे भाई की तलवार से आंतें निकाल दीं और फिर बैट से सिर कुचल दिया।” फिरोज़ा ने आरोप लगाया कि असली मास्टरमाइंड सलमान मलिक और उसकी पत्नी सोनी हैं, जो नशा सप्लाई करते हैं और जिनसे इमरान पठान और उसकी पत्नी माल लेते थे।
फिरोज़ा ने यह भी दावा किया कि हमले के बाद खुद उनके खिलाफ IPC की धारा 326 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनका परिवार पहले से ही झूठे बलात्कार के केसों से परेशान है और भाभा अस्पताल के कुछ मेडिकल स्टाफ ने आरोपी पक्ष के पक्ष में फर्जी रिपोर्टें बनाई हैं। हालांकि, इन आरोपों की पुष्टि पुलिस की ओर से नहीं की गई है।
फिरोज़ा ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले ही पुलिस को आरोपियों की धमकियों की शिकायत दी थी लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। ड्रग्स कारोबार से जुड़े इस जघन्य मर्डर केस ने मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली और इलाके में फैल रहे नशे के नेटवर्क पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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