बांबे हाईकोर्ट से राज्य की आघाडी सरकार को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मामले की जांच सीबीआई की बजाय राज्य सरकार की एसआईटी से कराने और पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और राज्य के डीजीपी संजय पांडेय से पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा कोई ठोस कारण नहीं पेश कर सकी जिसकी वजह से सीबीआई जांच को रद्द कर इसे एसआईटी को सौपा जाए। इससे अब कुंटे और पांडेय से सीबीआई पूछताछ का रास्ता साफ हो गया है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस मांग पर भी विचार करने से मना कर दिया है, जिसमें सरकार ने सीबीआई की ओर से राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे व मौजूदा राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे को जारी समन को रद्द करने का निवेदन किया था। लिहाजा अब इन दोनों अधिकारियों से सीबीआई की पूछताछ का रास्ता साफ हो गया है। सीबीआई ने पूर्व मंत्री देशमुख से जुड़े तबादले व तैनाती से जुड़े प्रकरण को लेकर सवालों के जवाब देने के लिए सीबीआई ने पूर्व मुख्य सचिव कुंटे व पुलिस महानिदेशक पांडे को समन जारी किया था।
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न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में राज्य सरकार को राहत नहीं प्रदान कर सकते हैं। खंडपीठ ने पूरे मामले से जुड़ी परिस्थिति के मद्देनजर कहा कि इस मामले में राज्य सरकार कुछ भी ऐसा नहीं दर्शा पाई है, जिसके आधार पर राज्य सरकार को राहत प्रदान की जा सके। हमारे सामने ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर सीबीआई की जांच को रोककर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया जाए। खंडपीठ ने कहा कि हमने इस मामले को लेकर जो मत व्यक्त किया है वह सिर्फ इस मामले तक सीमित है।
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