छतरपुर में हटाया अतिक्रमण : बुलडोजर चलाकर ढहाए गए 22 अवैध मकान

गहमागहमी के बीच प्रशासन सख्त

छतरपुर में हटाया अतिक्रमण : बुलडोजर चलाकर ढहाए गए 22 अवैध मकान

chhatarpur-encroachment-bulldozer-action

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 17 दिसंबर (बुधवार) को बुलडोजर कार्रवाई की। यह अभियान कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऐतिहासिक गोपाल टोरिया मार्ग पर चलाया गया, जहां वर्षों से हुए अतिक्रमण के कारण एक 22 फुट चौड़ी औपनिवेशिक काल की मुख्य सड़क सिकुड़कर महज दो फुट की गली बन गई थी। इससे आम नागरिकों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही थी।

प्रशासन की कार्रवाई में सार्वजनिक रास्ते पर बने 22 मकानों को अवैध बताते हुए ध्वस्त किया गया। ये सभी संरचनाएं सड़क पर अतिक्रमण कर बनाई गई थीं, जिसके चलते मार्ग का मूल स्वरूप खत्म हो गया था। अभियान के दौरान मौके पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि प्रभावित मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया। उनका दावा था कि ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए थे और प्रशासन ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया।

हालांकि, प्रशासन ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। SDM अखिल राठौर ने स्पष्ट कहा कि संबंधित अतिक्रमणकारियों को अप्रैल महीने से ही नोटिस जारी किए जा रहे थे। उन्होंने बताया कि कई बार चेतावनी देने और स्वयं अतिक्रमण हटाने के निर्देश के बावजूद लोगों ने कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। राठौर के अनुसार, यह सड़क न केवल रोजमर्रा की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है, इसलिए इसका चौड़ा और सुगम होना आवश्यक है।

प्रशासन ने यह भी साफ किया कि सरकारी जमीन और सार्वजनिक रास्तों पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे अतिक्रमण किसी भी समुदाय या व्यक्ति द्वारा किया गया हो। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सार्वजनिक हित में सड़क को उसके मूल स्वरूप में बहाल करना है, ताकि स्थानीय निवासियों को राहत मिल सके और यातायात सुचारु हो।

बताया गया कि गोपाल टोरिया मार्ग को लेकर इससे पहले भी अतिक्रमण हटाने के प्रयास किए गए थे, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल पाया था। इस बार प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल, ध्वस्तीकरण के बाद इलाके में पुलिस बल तैनात है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और इसका लक्ष्य केवल जनसुविधा और कानून व्यवस्था बनाए रखना है।

यह भी पढ़ें:

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर से पैदा हुए करीब 1.80 लाख रोजगार: केंद्र

महाराष्ट्र में जन्म पंजीकरण घोटाला: 1,500 की आबादी वाले गांव में तीन महीनों में 27,397 जन्म प्रमाण पत्र दर्ज!

नेहरू दस्तावेज़ विवाद पर केंद्र सरकार की सफाई: सोनिया गांधी के पास रखे काग़ज़ ‘लापता’ नहीं

Exit mobile version