मुंबई। PNB scam के आरोपी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यार्पण की बात काफी वक्त से चल रही है। मेहुल की डॉमिनिका में गिरफ्तारी की बात सामने आई है, वह पुलिस कस्टडी में दिख रहा है,मेहुल ने अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13,500 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी, मेहुल सूरत की गलियों में आम हीरा कारोबारियों की तरह इस कीमती पत्थर की घिसाई करता था, मगर देखते ही देखते महज 26 साल की उम्र में उसने करोड़ों की प्रॉपटी बना ली थी. इस काम में उसके भांजे नीरव मोदी ने भी मदद की।
मेहुल चोकसी का जन्म सूरत में हुआ था, वह टिपिकल गुजराती था, उसके पिता भी हीरे का काम करते थे, उसने बचपन से ही घर में ये काम देखा,दूसरे लोगों की तरह हीरा घिसाई का काम करता था. पर वह मामूली गुजराती दुकानदार की जगह बड़ा बिजनेसमैन बनना चाहता था,चोकसी ने 1986 में गीतांजलि जेम्स के नाम से अपना ब्रैंड शुरू किया, तब वह 26 साल का था. मेहुल ने बेल्जियम, अमेरिका, जापान, चीन, हांगकांग और थाईलैंड में हीरे भेजने शुरू किए, पर इंटरनेशनल स्तर पर व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उसने भांजे नीरव की मदद ली,नीरव पहले बेल्जियम में रह रहा था, लेकिन वह वहां बिजनेस में सफल नहीं हो सका. लिहाज नीरव मोदी ने 1999 में भारत वापसी की, उसने भारत में अपने मामा मेहुल से संपर्क किया. मामा-भतीजे की इस जोड़ी ने मिलकर दौलत कमाने का प्लान बनाया।
यह जानना भी जरुरी है कि इनको इतनी बड़ी लोन कैसे दी गई जबकि किसी आम आदमी को लोन कि जरुरत होती है तो यही बैंक वाले दुनिया भर के पेपर और गारेंटी मांगती है तो जब इनको इतना पैसा दिया गया है तो यह वाकेई एक संशोधन का विषय है।नीरव मोदी और मैहुल् चौकसी यहाँ नहीं है और पकड़ मे नहीं आ रहे है तो इन्हें लोन देने के लिए जो बैंक के ऑफिसर् व् अन्य लोग जो भी जवाबदार है उनके खिलाफ कोई कारवाई क्यों नहीं हो रही है।क्या वो सब दूध के धुले हुए है ।इन सब की पूरी जान्च होनी चाहिए और जो भी कसूरवार है उन सब के ऊपर कारवाई होनी चाहिए चाहे वो फिर कितना भी बड़ा क्यों ना हो।