कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने को लेकर सोमवार को चिंता व्यक्त की, जो सीधे मुंबई नहीं उतरते बल्कि किसी दूसरी जगह उतरने के बाद अन्य साधनों का उपयोग करके राज्य आते हैं। ठाकरे ने कहा कि अगर ऐसे यात्रियों के बारे में जानकारी साझा की जाती है तो कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकना आसान होगा। मुख्यमंत्री इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करेंगे।
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में नये स्वरूप के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार बैठक में ‘ विदेश से आने वाले ऐसे यात्रियों की जांच के मुद्दे पर भी चर्चा हुई जो सीधे मुंबई या महाराष्ट्र के अन्य हवाई अड्डों पर नहीं उतरते बल्कि घरेलू एयरलाइन, सड़क या रेल द्वारा देश के अन्य स्थानों से यात्रा करते हैं और राज्य में आते हैं। सवाल यह है कि ऐसे लोगों की जांच कैसे की जाए और प्रधानमंत्री को इससे अवगत कराया जाना चाहिए।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘विदेश से आने वाले यात्रियों की सूचना नियमित रूप से प्राप्त होनी चाहिए ताकि उन पर नजर रखी जा सके और संक्रमण को समय रहते रोका जा सके।’’ ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में ओमीक्रोन स्वरूप का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान में मामलों में बढ़ोतरी वाले देशों में बड़ी लहर देखी जा रही है। फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और ऑस्ट्रिया में 30,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, रोकथाम के लिए मास्क सबसे अधिक जरूरी है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने 12 देशों के यात्रियों के लिए उड़ान में सवार होने से 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर जांच कराना अनिवार्य कर दिया है।
उन्होंने कहा कि उनके यहां उतरने के बाद आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के एक नये स्वरूप की पहचान की है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह हाल ही में उस देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत गौतेंग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। यह स्पष्ट नहीं है कि नया स्वरूप पहली बार कहां उभरा, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन को सतर्क किया, और अब इसे ऑस्ट्रेलिया से लेकर इज़राइल से नीदरलैंड तक कई देशों में आने वाले यात्रियों में देखा गया है। शुक्रवार को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रोन को ‘‘चिंता वाला स्वरूप’’ घोषित किया और इसे ओमीक्रोन नाम दिया। नये स्वरूप के सामने आने के बाद कई देश नये यात्रा प्रतिबंध लगाने को मजबूर हुए हैं।
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