नारायणपुर के अबूझमाड़ वन क्षेत्र में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कोबरा बटालियन के वीर कमांडो मेहुल भाई सोलंकी को आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गहरा सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित की। दोनों नेताओं ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर उनके अद्वितीय साहस और बलिदान को नमन किया।
यह मुठभेड़ 21 मई को बीजापुर के उसूर क्षेत्र में माओवाद विरोधी अभियान के दौरान हुई थी। गुजरात निवासी सोलंकी मेहुल भाई ने माओवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति प्राप्त की। मुख्यमंत्री साय ने कहा, “शहीद मेहुल सोलंकी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। आने वाले दिनों में बस्तर में शांति का सूरज जरूर उगेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले डेढ़ साल में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक प्रगति की है और अब यह अभियान 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शहीद कमांडो को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “मेहुल भाई का बलिदान छत्तीसगढ़ की जनता और सुरक्षा बलों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हमारे जवान नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक जंग लड़ रहे हैं, और यह बलिदान हमें इस संघर्ष को और भी ताकत के साथ लड़ने का संकल्प देता है।”
इस घटना से एक दिन पहले नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 27 माओवादियों को ढेर किया था, जिनमें प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल था। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
गुरुवार (23 मई) को सुकमा जिले के तुमरेल गांव के जंगलों में भी माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच तीव्र मुठभेड़ हुई, जिसमें एक माओवादी मारा गया और कोबरा बटालियन का एक जवान शहीद हुआ, जबकि दो अन्य घायल हुए।
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