मुंबई। वैश्विक महामारी कोरोना पर नए नियमों को लेकर महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार के सोमवार 2 अगस्त को 11 जिलों को छोड़कर समूचे राज्य में पाबंदियों में ढील की घोषणा किए जाने से अब नया विवाद सिर उठाता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री के इस रवैए की खासाआलोचना होनी शुरू हो गई है। पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने इस सिलसिले में सरकार पर ट्विटर के जरिए भड़कते हुए सवाल उठाया है कि मुंबईऔर पुणे के लिए इंसाफ में यह दोगलापन क्यों?
सरकार का दोगलापन है यह: राज्य सरकार के नए फैसले के अनुसार राज्य में 11 जिले ऐसे हैं, जहां तीसरे स्तर की पाबंदियां जारी रहेंगी। इनमें कोल्हापुर, सांगली, सातारा, पुणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सोलापुर,अहमदनगर, बीड़, रायगढ़ व पालघर का समावेश हैं। इसके अलावा अन्य सभी जगहों पर प्रतिबंधों में ढील दी गई है। मुंबई, मुंबई उपनगरों और ठाणे में प्रतिबंधों पर फैसले का दारोमदार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पर है, जिसे लेकर पुणे के महापौर का कहना है कि सरकार मुंबई और पुणे के साथ अलग तरह से बर्ताव कर रही है, जो उसका दोगलापन है।
मौजूदा पॉजिटिविटी है पुणे की 4% के अंदर: उन्होंने बताया है कि पुणे शहर में एक महीने से पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से नीचे है और मौजूदा पॉजिटिविटी 4% के अंदर है। बावजूद इसके पुणे में लेवल-3 का प्रतिबंध बनाए रखना स्थानीय लोगों के साथ अन्याय है।