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Friday, November 14, 2025
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दिल्ली का घुटता दम: दिवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में !

कई इलाकों में AQI 400 के पार

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दिवाली के ठीक एक दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी की हवा फिर से ज़हर बन गई है। मंगलवार सुबह दिल्ली और एनसीआर के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 के पार पहुँच गया, जबकि कुछ जगहों पर यह ‘गंभीर’ श्रेणी (Severe) में दर्ज किया गया।

दिवाली के बाद दिल्ली मंगलवार (21 अक्तूबर)को घने स्मॉग की चादर में लिपटी नज़र आई। इस साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘ग्रीन पटाखों’ की अनुमति दिए जाने के बावजूद प्रदूषण स्तर में भारी उछाल देखा गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 8 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 350 दर्ज किया गया। वहीं डिफेंस कॉलोनी सबसे प्रदूषित इलाका रहा, जहाँ AQI 450 से अधिक पाया गया।

आप पार्टी (AAP) के एक नेता ने सोमवार (20 अक्तूबर) रात डिफेंस कॉलोनी का AQI स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया कि वहाँ वायु गुणवत्ता 1,000 से भी ऊपर पहुँच गई थी, जो ‘गंभीर’ से भी अधिक श्रेणी मानी जाती है।

दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके (AQI के साथ):

  • बवाना: 423
  • वज़ीरपुर: 408
  • जहाँगीरपुरी: 407
  • बुराड़ी क्रॉसिंग: 399
  • अशोक विहार: 389
  • पंजाबी बाग: 378
  • मुंडका: 366
  • नरेला: 358
  • आनंद विहार: 358
  • चाँदनी चौक: 350
  • नजफगढ़: 336
  • पाटपड़गंज: 342
  • आईटीओ: 342
  • लोदी रोड: 322
  • आईजीआई एयरपोर्ट (टर्मिनल 3): 302

गौरतलब है कि AQI 0–50 ‘अच्छा’, 51–100 ‘संतोषजनक’, 101–200 ‘मध्यम’, 201–300 ‘खराब’, 301–400 ‘बहुत खराब’, और 401–500 ‘गंभीर’ माना जाता है।

वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने रविवार (19 अक्तूबर)से ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-2 लागू कर दिया था। आदेश में कहा गया, “स्टेज-I और II के सभी प्रावधानों को पूरे एनसीआर क्षेत्र में सख़्ती से लागू किया जाए ताकि AQI और न बिगड़े। सभी एजेंसियाँ सतर्क रहें और नागरिकों से भी अनुरोध किया जाता है कि वे GRAP के दिशा-निर्देशों का पालन करें।”

GRAP स्टेज-2 के तहत अब दिल्ली में सड़कों की दैनिक मैकेनिकल व वैक्यूम क्लीनिंग, पानी का छिड़काव और डस्ट सप्रेसेंट्स का इस्तेमाल, पार्किंग फीस में वृद्धि, बस व मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति वृद्धि और डीजल जनरेटर सेट्स के उपयोग पर नियंत्रण जैसे उपाय लागू किए गए हैं। CAQM ने निर्देश दिया है कि “गैर-पीक घंटों में सड़कों पर हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव व धूल का उचित निपटान किया जाए, विशेषकर प्रदूषण हॉटस्पॉट और व्यस्त गलियारों में।”

बीते सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की सीमित अनुमति दी थी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भी पटाखों और मौसम के संयुक्त प्रभाव से हवा में विषाक्तता का स्तर बेहद बढ़ गया।दिवाली के बाद दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी सांस लेना मुश्किल हो गया है। डॉक्टरों और पर्यावरणविदों ने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में यदि हवा का रुख न बदला, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।

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