अपने पिता की मृत्यु के बाद, पवार अप्रैल 2005 में अनुकम्पा पर पुलिस में शामिल हुईं। वह मई 2012 में पुलिस नाइक बनीं। उन्होंने याचिका में कहा है, ‘भले ही मैं अपनी बहन की तरह एक महिला की तरह दिखती थी, लेकिन मेरे दिल में हमेशा पुरुष भावना थी।’ दिसंबर 2018 में किए गए एक परीक्षण से पता चला कि वह पुरुष था। सेंट जॉर्ज अस्पताल ने भी टेस्ट रिपोर्ट को सही बताया है| जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी कराने की भी सलाह दी जाती है।
इसके बाद 7 दिसंबर 2022 को उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा| उन्होंने पत्र में कहा है कि नियमों में जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी की इजाजत देने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए| फिर 2 जनवरी 2023 को नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक ने उन्हें मौखिक रूप से बताया कि पुलिस महानिदेशालय ने मना कर दिया है|
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