महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बांबे हाईकोर्ट को बताया कि गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड ने अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कंपनी के स्वामित्व वाली भूमि के अधिग्रहण में अनावश्यक बाधाएं उत्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें परियोजना के वास्ते भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने संबंधी 15 सितंबर, 2022 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
कंपनी ने अपनी याचिका में अनुरोध किया कि हाईकोर्ट सरकार को मुआवजा देने की प्रक्रिया और कब्जे की कार्यवाही शुरू नहीं करने का निर्देश दे। राज्य सरकार ने डिप्टी कलेक्टर (भूमि अधिग्रहण) जगतसिंह गिरासे द्वारा दायर अपने हलफनामे में कंपनी के आरोपों को ‘‘बेबुनियाद, निराधार, अनुचित और निराधार’’ करार दिया। इसने अदालत को यह भी बताया कि राज्य सरकार के अधिग्रहण निकाय ने 17 अक्टूबर को मुआवजे के रूप में लगभग 264 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जमा कर दी है।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने पीठ को बताया कि अभी तक जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। अदालत ने इसके बाद मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 नवंबर तय की और कहा कि अगर और जब इस तरह का नोटिस जारी किया जाता है, तो वह याचिकाकर्ता कंपनी को अदालत का रुख करने के लिए उचित समय देगी। राज्य सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी ने ‘‘अधिग्रहण की कार्यवाही के हर चरण में अनावश्यक बाधाएं उत्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’’ हलफनामा में कहा गया, ‘‘प्रतिवादी प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि परियोजना को निजी व्यक्तियों से बाधाओं का सामना न करना पड़े और यहां तक कि याचिकाकर्ता कंपनी की इच्छाओं को पूरा करने का भी प्रयास किया गया।
फिर भी, याचिकाकर्ता की अनुचित मांगें उनके रुख के अनुसार लगातार बदल रही हैं और इससे परियोजना की लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गई है।’’ राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में बुलेट ट्रेन परियोजना के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना भारत सरकार की प्राथमिकता वाली परियोजना है। हलफनामे में कहा गया, ‘‘यह भारत की पहली हाईस्पीड रेल लाइन होगी और जनता के लाभ के लिए देश की यात्री परिवहन प्रणाली को अत्याधुनिक तकनीक के साथ बदल देगी।’’ इसमें कहा गया कि बुलेट ट्रेन शुरु होने के बाद ट्रेन से प्रतिदिन 17,900 यात्रियों को लाभ होगा।
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