मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जारी समन के खिलाफ उनकी याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) यदि आवश्यक हो तो याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल कर सकता है। देशमुख ने इस महीने की शुरुआत में ईडी द्वारा जारी किए गए पांच समन को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी और कहा था कि यह मामला ”राजनीतिक प्रतिशोध” का परिणाम है।
गुरुवार को ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई की अपील की ताकि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एजेंसी की ओर से पेश होकर अपनी दलीलें पेश कर सकें। हालांकि, देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी और अधिवक्ता अनिकेत निकम ने तर्क दिया कि अदालत को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने के लिए बृहस्पतिवार को ही मामले की सुनवाई करनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि वह 29 सितंबर को याचिका में उठाए गए सभी तर्कों पर सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने कहा, ”ईडी यदि आवश्यक समझे तो अपना जवाब दाखिल कर सकता है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस साल 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद ईडी ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।जबकि देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने खंडपीठ से आग्रह किया कि वे अंतरिम राहत के मुद्दे पर गुरुवार को ही सुनवाई करे। ताकि मेरे मुवक्किल को ईडी की कड़ी कार्रवाई से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि ईडी इस मामले में ओछी रणनीति के तहत काम कर रही है। इस मामले में ईडी के रुख़ को उचित नहीं माना जा सकता है।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम 29 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। ईडी यदि जरूरी समझे तो अपना जवाब दे सकती है। गौरतलब है कि सीबीआई ने पहले भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद 21 अप्रैल 2021 को देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने देशमुख व उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की है।