मुंबई। महाराष्ट्र में टीका लगाने वाले अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जालना जिले के एक बुजुर्ग को टीका लगाने वाले अधिकारियों दो अलग-अलग कपंनियों का टीका लगा दिया है, जिसकी वजह से उनकी तबीयत ख़राब हो गई. उन्हें एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि कौन सी कंपनी का टीका लगाना अधिकारियों काम है. जालना जिले के रहवासी दत्तात्रेय वाघमारे को दो अलग-अलग कंपनियों का टीका लगाए जाने का मामला सामने आया है। पहला टीका कोवैक्सीन का जबकि दूसरा टीका कोविशील्ड का लगाया गया है, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के अनुसार दोनों टीका गांव के अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्र पर दिए गए हैं.
दत्तात्रेय वाघमारे ने बताया कि उन्हें 22 मार्च को जालना जिले के एक ग्रामीण अस्पताल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का पहला टीका लगा था। इसके बाद 30 अप्रैल को उन्होंने दूसरी डोज ली, लेकिन इस बार उन्हें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दे दी गई.
दूसरी कंपनी की डोज लेने के बाद दत्तात्रेय वाघमारे को हल्का बुखार, शरीर में दर्द और घबराहट होने लगी. जांच के लिए उन्हें एक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवा दी. वाघमारे के बेटे दिगंबर ने बताया, टीकाकरण का सर्टिफिकेट देखने के बाद अभी कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग को इस खबर की जानकारी हुई कि वाघमारे को दो अलग-अलग टीके दे दिए गए.
परिवार ने इस लापरवाही की शिकायत गांव के स्वास्थ्य अधिकारियों से की है.अधिकारियों ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है. दिगंबर का कहना है कि वह और उसके पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है. इसलिए किस व्यक्ति को कौन-सी वैक्सीन दी जानी है इसकी जिम्मेदारी टीकाकरण केंद्र में मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों की थी. लेकिन उन्होंने गलत टीका लगाकर उनके पिता जान खतरे में डाल दी।