अगर आपने 16 सितंबर 2025 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया है और अभी तक रिफंड नहीं मिला, तो वजह जानकर आप चौंक जाएंगे। आयकर विभाग ने जांच में पाया है कि बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने फर्जी कटौतियों (deductions) का दावा किया, जिसके चलते रिफंड प्रोसेसिंग में देरी हो रही है।
जांच में सामने आया कि ज्यादातर गड़बड़ी ओल्ड टैक्स रेजीम के तहत हुई। यहां पर टैक्सपेयर्स ने फर्जी मेडिकल खर्च और फर्जी डोनेशन दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश की। विभाग ने अपने कंप्यूटर सिस्टम और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से इन फर्जी दावों का खुलासा किया।
700 करोड़ के फर्जी दावे पकड़ाए
विभाग ने अब तक करीब ₹700 करोड़ के गलत क्लेम पकड़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें ज्यादातर लोग वे हैं जिनकी सालाना आय 20 लाख रुपये से ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि कई टैक्सपेयर्स जो पहले भी फर्जी क्लेम कर चुके हैं, वे इस साल फिर उसी तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।
गलत दावों की जांच के कारण रिफंड प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लग रहा है। जिन मामलों में रिफंड राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा है, वहां विशेष जांच की जा रही है। पिछले साल के मुकाबले इस बार अब तक 24% कम रिफंड जारी हुए हैं। 17 सितंबर तक ₹1.60 लाख करोड़ का रिफंड जारी किया जा चुका है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा ₹2.10 लाख करोड़ था।

आयकर विभाग की सख्त कार्रवाई
जुलाई में आयकर विभाग ने देशभर में उन लोगों के खिलाफ अभियान शुरू किया जिन्होंने फर्जी कटौती दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश की थी। इस कार्रवाई के बाद 30,161 टैक्सपेयर्स ने अपनी विदेशी संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत ₹29,208 करोड़ है, और विदेशी आय ₹1,089 करोड़ घोषित की। वहीं, टैक्सपेयर्स को मजबूर होकर ₹963 करोड़ के फर्जी दावे वापस लेने पड़े। इसके साथ ही उन्होंने अतिरिक्त ₹409.50 करोड़ का टैक्स भी जमा किया, जिससे यह साफ हो गया कि विभाग की सख्ती का असर सीधे तौर पर टैक्स चोरी करने वालों पर पड़ा है।
आयकर विभाग ने ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है जिन्होंने गलत क्लेम किए थे। उन्हें मौका दिया जा रहा है कि वे अपने ITR में सुधार करें। अधिकारियों का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि सही टैक्सपेयर्स के रिफंड जल्द से जल्द जारी किए जाएं। अगर आपका रिफंड लेट है और आपने सही दावा किया है, तो थोड़ी देरी के बाद भी पैसा जरूर मिलेगा।
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